कोलकाता,श्रीकांत शर्मा : गंगासागर तीर्थयात्रियों को अब अपनी व्यथा सुनाने के लिए थानों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. यानी अब मैदान थाने के साथ नॉर्थ पोर्ट और साउथ पोर्ट थाने का संयुक्त कैंप कार्यालय बाबूघाट गंगासागर मेला प्रांगण ( Gangasagar Mela Grounds) में होगा. यह फैसला दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन के साथ गंगासागर संयुक्त समिति और बाबूघाट गंगासागर मेला में शिविर लगाने वाले सभी 56 संगठनों की एक संयुक्त कोआर्डिनेशन मीटिंग में लिया गया. यह बैठक अलीपुर स्थित न्यू ट्रेजरी बिल्डिंग में हुई. अतिरिक्त जिलाधिकारी सद्दाम नवाज ने बताया कि बाबूघाट में लगने वाले 56 सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी और संयुक्त समिति के साथ बैठक की गयी. जिसमें सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी. संस्थाओं की तरफ से मिले सुझाव पर अमल करने की कोशिश होगी.
एसडीओ सदर तमग्न कर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि एनजीओ द्वारा मिले सुझावों पर हम काम कर रहे हैं. इस बार बाबूघाट के अंदर-बाहर और आउट्राम घाट के गंगा किनारे होने वाली किसी भी प्रकार की घटना की शिकायत बाबूघाट गंगासागर मेला पुलिस कैंप में ही की जा सकेगी. इसके लिए मैदान थाना, नॉर्थ पोर्ट थाना और साउथ पोर्ट थाने का संयुक्त कैंप कार्यालय बाबूघाट गंगासागर मेला लगेगा. तीनों थानों के अधिकारियों की वहां ड्यूटी रहेगी. उल्लेखनीय है कि बाबूघाट गंगासागर मेला मैदान कैंप में पड़ता है. जबकि बाबूघाट गंगाघाट नॉर्थ पोर्ट थाना और प्रिंसेपघाट का हुगली किनारा साउथ पोर्ट थाने में पड़ता है. यानी बाबूघाट का इलाका तीन थानों में बंटा होने से आम तीर्थयात्रियों को किसी घटना की शिकायत या एफआइआर करने के लिए विभिन्न थानों का चक्कर लगाना पड़ता है.
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बैठक में गंगासागर संयुक्त समिति के महासचिव भरत मिश्रा, उमाशंकर पांडेय, मेला प्रभारी मुन्ना मिश्रा के साथ तीर्थार्थी सेवा संस्थान के अध्यक्ष केशरी कुमार तिवारी, महासचिव त्रिभुवन कुमार मिश्रा, ओम व्यवसायी समिति के अखिलेश जायसवाल, शिवशक्ति समिति के कमाख्या नारायण सिंह, सिटीजन वेलफेयर काउंसिल के लक्ष्मीकांत सिंह, विश्व हिंदू परिषद के अशोक दूबे, अखिल भारतीय आजमगढ़ सेवा संघ के अनिल सिंह, राधाबाजार स्पोर्टिंग क्लब के ए डी राय, प्रांतीय जायसवाल के नंद किशोर जायसवाल, भोजपुरी सेवा संघ के दुर्गाप्रसाद साव, यथार्थ गीता के निखिलेश मिश्रा, कोलकाता रिश्ता के संतोष गिरि, प्रगतिशील कान्यकुब्ज के मुन्ना वाजपेयी और पश्चिम बंगाल भोजपुरी परिषद के सभाजीत मिश्रा उपस्थित रहे.