WB Election 2021 : पीरजादा अब्बास की पार्टी कट्टरपंथी नहीं, तस्लीमा नसरीन के सवाल पर आया CPM का जवाब, पढ़ें

Pirzada Abbas party ISF not radical, cpm in bengal chunav 2021 : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के लिये इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठजोड़ के बाद वाम दलों पर सांप्रदायिक ताकतों से हाथ मिलाने के लग रहे आरोपों के बीच माकपा ने दावा किया कि नयी पार्टी कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों से अलग है. हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ में पिछले महीने प्रभावी मुस्लिम मौलवी अब्बास सिद्दिकी ने आईएसएफ बनाई थी

By Prabhat Khabar News Desk | March 5, 2021 1:14 PM

Bengal Election 2021 : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के लिये इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठजोड़ के बाद वाम दलों पर सांप्रदायिक ताकतों से हाथ मिलाने के लग रहे आरोपों के बीच माकपा ने दावा किया कि नयी पार्टी कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों से अलग है. हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ में पिछले महीने प्रभावी मुस्लिम मौलवी अब्बास सिद्दिकी ने आईएसएफ बनाई थी. वहीं ब्रिगंड रैली में पीरजादा के शामिल होने पर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सवाला उठाया था.

वाम-कांग्रेस-आईएसएफ महाग‍ठबंधन के तहत वाम मोर्चा ने आईएसएफ के लिये 30 सीटें छोड़ने पर सहमति व्यक्त की थी. आईएसएफ और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात चल रही है. माकपा के पश्चिम बंगाल महासचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि गठजोड़ सिर्फ चुनाव के मद्देनजर नहीं किया गया है, बल्कि लोगों के जीवन व आजीविका तथा धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र के खिलाफ हमलों को ध्यान में रखकर लंबी लड़ाई के लिये किया गया है.

सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों का दावा है कि वाम मोर्चे ने आईएसएफ जैसी सांप्रदायिक ताकत” से हाथ मिला लिया है. माकपा के बांग्ला मुखपत्र गणशक्ति के संस्करण में प्रकाशित एक साक्षात्कार में मिश्रा ने कहा, आईएसएफ एक सांप्रदायिक ताकत नहीं है. यह कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों से अलग है. ब्रिगेड परेड मैदान की रैली में जुटी भारी भीड़ से टीएमसी और भाजपा के समीकरण गड़बड़ाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि आईएसएफ अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ही अगड़ी जाति के हिंदुओं तथा आदिवासियों की भी बात करती है.

वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों के लिये अपने प्रचार अभियान की शुरुआत 28 फरवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित कर की थी. वाम दलों के चुनावों के लिये अपनी विचारधारा छोड़ने से इनकार करते हुए मिश्रा ने कहा, वाम दलों ने राज्य की मौजूदा परिस्थितियों में महागठबंधन बनाकर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है.

तस्लीमा नसरीन ने उठाया था सवाल- बता दें कि तस्लीमा नसरीन ने लेफ्ट की रैली में पीरजादा की पार्टी को शामिल होन‍े पर सवाल उठाया था. नसरीन ने सीपीएम से ट्वीट कर सवाल पूछा कि बताएं, शरिया कानून मानने वाले पीरजादा को मंच पर क्यो‍ं बुलाया गया था.

Also Read: Bengal Election 2021: बंगाल चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट मांगेंगे किसान नेता राकेश टिकैत ? 12 मार्च को रामलीला मैदान में होगी रैली

Posted By : Avinish kumar mishra

Next Article

Exit mobile version