Pitra Dosh Upay: कुंडली में बनने वाले दोषों में से एक है पितृ दोष जिसे बहुत खतरनाक माना जाता है. पितृ दोष के कारण इंसान स्वयं खुद को बर्बाद कर लेता है और उसके साथ-साथ उसका पूरा परिवार भी सड़क पर आ जाता है.इससे मानसिक सतुलन ठीक नही रहता है.काम में परेशानी होती है.बनती हुई काम बिगड़ जाता है. आपके जीवन में कई तरह के संकट तथा बाधाएं आती हैं. इस तरह के संकट से बचने के लिए सबसे उत्तम उपाय पिंड के पूजन करे साथ में मानिक रत्न धारण करे यह रत्न आपको आंतरिक शक्ति बढ़ा देता है तथा आपके बने हुए सभी नकारात्मक प्रभाव को खत्म कर देता है.
1 धन स्थान यानि कुंडली में दुसरे भाव में सूर्य धन -प्राप्ति का बाधक होता है. नौकरी में परेशानी होती है .इसे माणिक रत्न धारण करने से लाभ मिलता है .
2 कुंडली में चौथे स्थान का सूर्य आजीविका में बाधक बनता है ऐसे लोग अगर माणिक धारण करे को लाभ होगा .
3 यदि भाग्येश ,धनेश तथा राज्येश होकर छठे तथा आठवे स्थान पर हो माणिक धारण करना उपयोगी होता है .
4 सूर्य पंचम भाव का स्वामी हो तो माणिक रत्न धारण करने से अत्यधिक लाभ तथा उन्नति होता है .
5 सातवे का सूर्य स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है .ऐसे व्यक्ति को माणिक रत्न धारण करना चाहिए .
6 सूर्य अपने भाव से अष्टम या छठे होकर पंचम या नवं भाव में हो तो माणिक रत्न धारण करना चाहिए .
7 एकादस भाव में सूर्य पुत्र के लिए चिंता उत्पन करता है. बड़े भाई के लिए कष्टकारी होता है. माणिक रत्न धारण करना चाहिए .
8 सूर्य बारह भाव में हो तो आंख की समस्या बनी रहती है.नेत्र को सुरक्षित रखने के लिए माणिक रत्न पहनना चाहिए .
9 कुंडली में पितृ दोष बन रहा है तो माणिक रत्न धारण करने से लाभ होता है .
10 मेष लगन वाले माणिक धारण कर सकते है. इसे सुख संतान तथा राज्य की कृपा होता है.
11 सिह लगन वाले माणिक धारण कर सकते है .शत्रु भय मानसिक, शरारिक तथा आयु में वृद्धि होती है.
12 वृशिक लगन वाले माणिक धारण कर सकते है. मान सम्मान व्यापार तथा नौकरी में उन्नति होता है .
13 धनु लगन वाले अगर माणिक रत्न धारण करे तो आर्थिक लाभ ,पिता का सुख तथा भाग्य में उन्नति होता है.
14 मीन लगन वाले माणिक रत्न धारण कर सकते है. इनके लिए लाभकारी होगा .
माणिक का खरीदारी रविवार ,सोमवार, गुरूवार को करे तथा सोने की अंगूठी में जड़वाए. शुक्लपक्ष के किसी भी रविवार के दिन सूर्योदय के समय पहना चाहिए. धारण करने के पहले कचे दूध में या गंगाजल में डुबाकर रखना चाहिए. फिर जल से स्नान कराकर पुष्प ,चन्दन और धूप बत्ती से उसकी उपासना करनी चाहिए. साथ ही सूर्य का मन्त्र का जप करना चाहिए ,ॐ घृणि सूर्याय नम: इसे दाहिने हाथ के तर्जनी उंगली में धारण करे.
1 माणिक रत्न रक्त सम्बंधित विकारो के लिए फायदेमंद होता है.
2 माणिक रत्न धारण करने से पेट के विभिन रोग में अत्यत लाभदायक होता है तथा दीर्घायु बनाता है साथ ही क्षय रोग, फोड़ा फुंसी, धातु तथा विष तथा नामर्दी में भी काम आता है
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847