Pitru Paksha 2022: लोगों को अक्सर पिंडदान करते हुए देखा गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिंडदान होता क्या है और क्यों करते हैं. दरअसल ‘पिंड’ शब्द का अर्थ किसी वस्तु का गोलाकार रूप होती है. जिसे प्रतीकात्मक रूप से शरीर को भी पिंड ही कहते है. माना जाता है कि मृतक के निमित्त अर्पित किए जाने वाले पदार्थ जैसे पके हुए चावल, दूध और तिल को मिलाकर पिंड बनाते हैं, उसे सपिण्डीकरण कहा जाता है. बता दें कि हर पीढ़ी में मातृकुल और पितृकुल के गुणसूत्र उपस्थित होते हैं.
हिंदू पितृ पक्ष को अपने पूर्वजों का सम्मान करने के लिए 15 दिनों के अनुष्ठान के रूप में मनाते हैं. पितृ पक्ष 11 सितंबर से 25 सितंबर 2022 तक हो रहा है. मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि के दौरान किए गए अनुष्ठान पूर्वजों को मोक्ष या मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता हैं.
अगर किसी व्यक्ति के जीवन में उसके संतान से जुड़ी बाधाएं आती है, और उनकी संतान एक बात नहीं सुनता, या फिर उसके साथ बुरा होता है. या फिर मंगल कार्य रुक जाते हैं, शादी में बार-बार रुकावटें आ रही हैं. शादी की बात बनते-बनते बिगड़ जाती है. वैवाहिक जीवन में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, तो समझ लीजिए ये भी पितृ दोष के लक्षण है.
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परिवार का सबसे बड़ा बेटा सुबह जल्दी उठकर पानी से नहाता है
श्राद्ध संस्कार करने वाले पूजा प्रतिभागियों को कुछ नया साफ-सुथरा पहनना चाहिए
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एक लकड़ी की मेज पर पूर्वज का चित्र दक्षिण दिशा की ओर रखें
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घी, शहद, चावल, बकरी के दूध, चीनी और जौ से बने गोले से एक पिंड बनाएं
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इसके बाद आता है तर्पण, जिसमें आटा, जौ, कुश और काले तिल के साथ पानी मिलाना शामिल है.
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गरीबों और वंचितों को पिंड और तर्पण प्रदान किया जाता है
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यदि आप पितृ पक्ष की अवधि के दौरान अपने पूर्वजों को तर्पण चढ़ा रहे हैं, तो आपको पवित्रता बनाए रखने की आवश्यकता है
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पुजारियों और कौवे को विशेष भोजन कराएं
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चूंकि पितृ पक्ष तपस्या की अवधि हो सकती है, इसलिए इन 16 दिनों में शांत रहना महत्वपूर्ण है