Pitru Paksha 2023: श्राद्ध करते समय याद रखें जरुरी बातें, जानें इस दिन का नियम और महत्व

Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष हमारे पूर्वजों के कर्ज को चुकाने का महीना है. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर अपने वंशजों से मिलने के लिए आते हैं. पितृपक्ष की अवधि पितरों को समर्पित है.

By Radheshyam Kushwaha | September 3, 2023 7:48 PM
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इन नियमों को जरूर याद रखें

श्राद्ध का भोजन पूरी शुद्धता से बनाना चाहिए. भोजन बनाने से पहले किचन और गैस को अच्‍छी तरह से साफ कर लें. भोजन में प्‍याज-लहसुन का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए.

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श्राद्ध का भोजन ब्राह्मण को कब कराना चाहिए

श्राद्ध का भोजन ब्राह्मण को हमेशा सूरज चढ़ने के बाद करवाएं. माना जाता है कि सूर्य की किरणों से ही हमारे पितर भोजन को ग्रहण करते हैं. ऐसे में सूर्य का प्रभाव जितना अधिक होगा, पितरों को भोजन उतने अच्‍छे से मिल पाएगा.

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इन बातों का रखें विशेष ध्यान

ब्राह्मण को भोजन जब तक न करा दें, तब तक स्‍वयं भी भोजन न करें. ये आपके पितर के प्रति आपकी श्रद्धा को व्‍यक्‍त करता है. इसके अलावा ब्राह्मण को भोजन करवाते समय मौन रहें. अगर किसी चीज की जरूरत हो तो इशारे में कहकर मंगवाएं.

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श्राद्ध का भोजन प्रसाद के तौर पर ग्रहण करें

श्राद्ध का भोजन प्रसाद की तरह होता है. इसमें कोई कमी नहीं निकालनी चाहिए. ब्राह्मण को भोजन करवाते समय भी उससे ये न पूछें कि भोजन कैसा बना है. ब्राह्मण भोज के बाद आप स्वयं भी उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करें.

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इन बातों का रखें ध्यान

श्राद्ध का भोजन या तो पत्‍तल में खिलाएं या चांदी, कांसे के बर्तन में खिलाएं. कांच या मिट्टी के बर्तन का इस्‍तेमाल बिल्‍कुल न करें. ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद उसे श्रद्धानुसार दान-दक्षिणा जरूर दें और चलते समय पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें.

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यह काम जरुर करें

ब्राह्मण भोज को कराने के बाद पितरों को मन में याद कर भूल चूक के लिए क्षमायाचना करें. इसके बाद अपना व्रत खोलें और प्रसाद ग्रहण करें और पूरे परिवार को करवाएं. रात के समय दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

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