Pitru Paksha: ब्राह्मण भोज से एक, तर्पण से होते हैं सभी पितृ संतुष्ट, जानें पितरों के तर्पण का सही तरीका

Pitru Paksha Shradh 2022 श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं. श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन कराने से कहीं अधिक तर्पण का महत्व है. ब्राह्मण भोजन से उस दिन के पितृ संतुष्ट होते हैं, वहीं तर्पण से सभी पितृ संतुष्ट होते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2022 8:45 AM

Pitru Paksha Shradh 2022 : जहां पितृपक्ष यानी श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराने से एक पितृ संतुष्ट होता है, वहीं तर्पण करने से सभी पितृ संतुष्ट होते हैं. श्राद्ध पक्ष में तर्पण का विशेष महत्व है. तर्पण क्या है? तर्पण कैसे किया जाता है? तर्पण श्राद्ध पक्ष की किस तारीख को सर्वोत्तम है? यहां आप इस सारे सवालों के जवाब जान पाएंगे.

ब्राह्मण भोज से अधिक महत्वपूर्ण है तर्पण... श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं. श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन कराने से कहीं अधिक तर्पण का महत्व है. ब्राह्मण भोजन से उस दिन के पितृ संतुष्ट होते हैं, वहीं तर्पण से सभी पितृ संतुष्ट होते हैं. ब्राह्मण भोज हर श्राद्ध में कराया जाता है, जबकि तर्पण पूरे श्राद्ध पक्ष में एक बार किया जाता है.

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तर्पण क्या होता है… पितरों के निमित्त विधिपूर्वक जो कर्म श्रद्धा से किया जाता है उसे श्राद्ध कहते हैं. श्राद्ध संस्कार में आवाहन, पूजन, नमस्कार के उपरान्त तर्पण किया जाता है. तर्पण करने से सभी पितृ संतुष्ट हो जाते हैं.

तर्पण करने की आसान एवं सर्वोत्तम विधि… अलीगढ़ के ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदय रंजन शर्मा ने प्रभात खबर को बताया कि तर्पण करने हेतु जो व्यक्ति साधन संपन्न नहीं है, धन हीन है, वह व्यक्ति केवल एक हाथ में काले तिल और गंगाजल लेकर पूरी आस्था, श्रद्धा, विश्वास के साथ अपने पूर्वजों को मन में स्मरण करते हुए सूर्य को अर्पित करना चाहिए और मन में प्रार्थना करनी चाहिए कि हे सूर्य देव मैं साधन संपन्न नहीं हूं, धन हीन हूं. इसलिए उनका प्रणाम श्रद्धा व भक्ति भाव से परिपूर्ण है. सूर्य भगवान इसे स्वीकार करें. ऐसा विचार करके उसे सूर्य भगवान पर चढ़ा देना चाहिए. यही तर्पण की आसान और अति उत्तम विधि है.

तर्पण की सर्वोत्तम तिथि… सभी पितरों को संतुष्ट करने के लिए 15 सितंबर पंचमी, 19 सितंबर नवमी, 25 सितंबर अमावस्या तिथि इस वर्ष तर्पण हेतु सर्वोत्तम तिथियां हैं. इन तारीखों में तर्पण करके अपने पितरों को संतुष्ट किया जा सकता है.

रिपोर्ट – चमन शर्मा

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