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Jharkhand: फिट इंडिया अभियान को नहीं लग पा रहा पंख, गायब हो गये शहर के खेल मैदान, कैसे खेलेगा धनबाद

धनबाद में खेल मैदान गायब होते जा रहे हैं. यहां तक की गली-मुहल्लों में भी खेलने की जगह नहीं है. जिसके कारण खिलाड़ियों का अभ्यास रुक जा रहा है. ऐसे में यहां फिट इंडिया कार्यक्रम धरातल पर नहीं उतर पा रहे हैं.

Dhanbad News: धनबाद शहर के प्रमुख खेल मैदान गायब होते जा रहे हैं. बच्चों व खिलाड़ियों के खेलने के लिए जगह नहीं बची है. गोल्फ ग्राउंड में थोड़ी जगह है, लेकिन, वहां भी जब-तब मेला या अन्य आयोजन होते रहते हैं. इसके चलते खिलाड़ियों का अभ्यास रुक जा रहा है. ऐसे में यहां खेलो झारखंड, फिट इंडिया जैसे कार्यक्रम धरातल पर नहीं उतर पा रहे हैं.

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कौन-कौन खेल मैदान, जिसका मिट गया अस्तित्व

  • कोहिनूर मैदान : कोर्ट परिसर से सटे इस मैदान का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है. एक समय इस मैदान में क्रिकेट व फुटबॉल का जिला स्तरीय लीग मैच होता था. यहां टर्फ व मैट दोनों तरह की विकेट थी.

  • हीरापुर स्पोर्टिंग क्लब : यहां खिलाड़ी नियमित अभ्यास करते थे. खेलने व मैच देखने के लिए बड़ी संख्या में खेल प्रेमी पहुंचते थे, लेकिन धीरे-धीरे इस मैदान में सरकारी भवनें बननी शुरू हो गयीं. यहां अब मैदान के नाम पर कुछ नहीं बचा है. अब बच्चे भी यहां नहीं खेलते. नेट प्रैक्टिस तक के लिए जगह नहीं बची है.

  • डीएवी दरी मुहल्ला ग्राउंड : यहां डीएवी के बच्चे तो खेलते ही थे, बैंक रोड व आसपास के बच्चे भी बड़ी संख्या में यहां खेलने आते थे. लेकिन अब इस स्थान पर नयी सड़क का निर्माण हो गया है. साउथ साइड स्टेशन को जोड़ने के लिए डबल लेन सड़क बनने से अब बच्चे यहां खेलने नहीं आते.

  • गोल्फ ग्राउंड पर बढ़ा लोड : शहर का अभी सबसे बड़ा खेल मैदान गोल्फ ग्राउंड है. शहर के बीचों-बीच स्थित इस मैदान को कुछ वर्ष पूर्व नगर निगम ने विकसित किया है. पार्क बनाया गया है, जिसमें बच्चों के लिए कई झूले हैं. साथ ही मॉर्निंग वॉकर्स के लिए ट्रैक भी. एक छोर पर बच्चे खेलते हैं, लेकिन यहां भी अब लीग मैच वगैरह नहीं हो सकते. सौंदर्यीकरण के बाद यहां मेला, सभा के आयोजन पर रोक लगा दी गयी थी. लेकिन अब यहां फिर से मेला लगने लगा है. इससे बच्चों को खेलने में परेशानी होती है.

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  • मेला मैदान बन कर रहा गया जिला परिषद मैदान : जिला परिषद में एक मैदान है. यहां भी पहले नियमित रूप से खेलकूद होता था, लेकिन अब कुछ वर्षों से इस मैदान में मेला ही लगते रहा है. इससे खेल-कूद व अन्य गतिविधियां ठप हो गयी हैं.

  • रेलवे मैदान में बाहरी खिलाड़ियों की नो इंट्री : धनबाद स्टेशन से सटे रेलवे स्टेडियम में एक समय राष्ट्रीय स्तर तक की क्रिकेट व फुटबॉल प्रतियोगिताएं होती थीं. रेलवे के विभागीय खेलकूद तो हमेशा होते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां बाहरी खेल-कूद बंद है. सिर्फ रेलवे से जुड़े खिलाड़ी एवं विभागीय कर्मियों के बच्चे ही खेलने आ सकते हैं. रेलवे की टीम के लिए यहां प्रैक्टिस की व्यवस्था है.

  • मेगा स्पोर्ट्स काॅम्प्लेक्स में हो रहा खेलकूद : शहर में खेल मैदान की गतिविधियां लगभग बंद होने से धनबाद में खेलकूद की गतिविधियां मेगा स्पोर्ट्स कांपलेक्स, नावाडीह पर केंद्रित हो गया है. खेलो झारखंड से लेकर अन्य खेल-कूद प्रतियोगिताएं भी यहां संचालित हो रही हैं. हालांकि, आधिकारिक रूप से इस मैदान किसी भी विभाग को हैंडओवर नहीं हो सका है.

फुटबॉल ग्राउंड नहीं होने से खिलाड़ी परेशान

धनबाद में बढ़िया फुटबॉल ग्राउंड नहीं होने से खिलाड़ियों को काफी परेशानी होती है. धनबाद जिले में टैलेंटेड खिलाड़ियों की कमी नहीं है, पर अच्छे मैदान की सुविधा नहीं होने से उनकी प्रतिभा निखर नहीं पाती है. धनबाद जिले में ऐसे अनेक खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने दम पर डिस्टिक, स्टेट और इंडिया टीम में जगह बनायी है. यदि अच्छी सुविधा और बेहतर ग्राउंड मिले तो वे और भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

जबीर अख्तर, खिलाड़ी.

धनबाद जिला में फुटबॉल का सही मैदान नहीं रहने से प्रैक्टिस करने में परेशानी होती है. धनबाद में फुटबॉल मैच खेलने के लिए बिरसा मुंडा स्टेडियम पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन हर समय मैदान उपलब्ध नहीं हो पाता है. पहले धनबाद रेलवे ग्राउंड, गोल्फ ग्राउंड आदि में फुटबॉल मैच होते थे. लेकिन अब इन मैदानों में प्रैक्टिस करने पर पाबंदी है. धनबाद में एक अच्छा स्टेडियम मिले तो यहां के खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलता.

पंकज बास्की, फुटबॉलर

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