कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले सी-वोटर और टाइम्स नाउ का ओपिनियन पोल आ गया है. चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में बताया गया है कि इस बार किसका खेल खत्म होगा और किसका सिक्का चलेगा. बंगाल में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी पीएम मोदी का मैजिक चलेगा या ‘बंगाल की अपनी बेटी’ ममता बनर्जी फिर सत्ता में आयेंगी.
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है, लेकिन उसकी सत्ता जाती नहीं दिख रही. ममता बनर्जी की पार्टी इस बार 154 सीट जीतती दिख रही है. पिछले चुनाव में मिले 211 सीटों की तुलना में यह 57 सीटें कम हैं, लेकिन बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से ज्यादा है.
भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा होता दिख रहा है. भगवा पार्टी को 107 सीट मिलने का अनुमान है. वर्ष 2016 में उसे सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार उसे 104 सीटों का फायदा होता दिख रहा है. कांग्रेस-वाम मोर्चा-आइएसएफ गठबंधन को सिर्फ 33 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि अन्य का खाता भी नहीं खुलने का अनुमान है.
ओपिनियन पोल में बताया गया है कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को चुनाव में 2.7 फीसदी वोट और 57 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. तृणमूल को वर्ष 2016 में 44.9 फीसदी वोट मिले थे. सर्वे के मुताबिक, इस बार उसे 42.2 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है.
भारतीय जनता पार्टी को वोटों के मामले में भारी फायदा होता दिख रहा है. वर्ष 2016 के चुनावों में बीजेपी को 10.2 फीसदी वोट मिले थे, जो इस बार बढ़कर 37.5 फीसदी होता दिख रहा है. यह पिछले चुनाव की तुलना में 27.3 फीसदी ज्यादा है.
कांग्रेस-वाम मोर्चा-आइएसएफ गठबंधन को इस बार 15 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है, जो कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन को वर्ष 2016 में मिले 38 फीसदी वोट से 23.1 फीसदी कम है. अन्य दलों को पिछली बार 7 फीसदी वोट मिला था, जो इस बार घटकर 5.5 फीसदी रह जाने का अनुमान है.
ओपिनियन पोल में चार मुख्य मुद्दों पर लोगों की राय ली गयी. भीतरी-बाहरी के मुद्दे के अलावा तोलाबाजी यानी कट मनी, ममता बनर्जी के द्वारा भ्रष्ट लोगों को बचाने और फर्जी वोटर के मुद्दे पर लोगों से राय ली गयी. 39.4 फीसदी लोगों ने कहा कि ममता बनर्जी ने जो भीतरी-बाहरी का कार्ड खेला है, वह कोई मुद्दा नहीं है. 31.2 फीसदी लोग मानते हैं कि ममता सही हैं, जबकि 29.4 फीसदी लोगों ने इस पर अपनी कोई राय नहीं दी.
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भाजपा लगातार तृणमूल कांग्रेस पर तोलाबाजी यानी किसी भी योजना में कट मनी लेने के आरोप लगाती है. इस विषय में सर्वे में शामिल 45.2 फीसदी लोगों ने माना कि बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में यह बड़ा मुद्दा है. 27.6 फीसदी के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है. 27.2 फीसदी लोग इस पर कुछ नहीं कहना चाहते.
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लोगों से जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि ममता बनर्जी भ्रष्ट लोगों को बचा रही हैं, तो 45.7 फीसदी लोगों का जवाब हां में था. यानी उन्होंने कहा कि तृणमूल सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भ्रष्ट लोगों को बचा रही हैं. 35.7 फीसदी लोगों ने कहा कि वह भ्रष्ट लोगों को नहीं बचातीं. 19 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया.
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सर्वे में चौथा सवाल पूछा गया था कि क्या बंगाल में फर्जी वोटर चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं. 32.2 फीसदी लोगों ने कहा कि फर्जी वोटर बंगाल में मतदान को प्रभावित कर सकते हैं. 20.6 फीसदी लोगों ने कहा कि ऐसा नहीं है.
इस मुद्दे पर तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा कि कट मनी को भारतीय जनता पार्टी ने मुद्दा बनाया है. यह आम लोगों का मुद्दा नहीं है. बंगाल में बहुत कम कट मनी का आकार बहुत छोटा है. राफेल डील, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के मामले में ज्यादा कट मनी लिया गया है.
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उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में आठ चरणों में मतदान होगा. राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अलग-अलग क्षेत्रों में वोट डाले जायेंगे. मतगणना 2 मई को होगी और 4 मई को चुनाव की पूरी प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha