कानपुरः पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात कार्यक्रम’ का आगामी 100वां संस्करण 30 अप्रैल को प्रसारित होगा. पीएम के मन की बात कार्यक्रम को प्रसार भारती ने जन जन तक पहुंचाने और इसके विभिन्न आयामों पर खास आयोजन की तैयारी की है. वर्ष 2014 में अक्टूबर से मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. यूपी में आकाशवाणी और दूरदर्शन के जरिये इस विशेष प्रसारण को भव्य बनाया जा रहा है. मन की बात कार्यक्रम को लेकर राजभवन में एक खास आयोजन को रखा गया है. जिसमें राज्य की उन विभूतियों को आमंत्रित किया जाएगा. जिनकी कामयाबी या उपलब्धियों का जिक्र पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम के पिछले संस्करणों में कर चुके हैं.
आकाशवाणी लखनऊ ने कानपुर देहात की नूरजहां समेत अन्य विभूतियों पर विशेष रिकॉर्डिंग कर उसका प्रसारण करवाने की तैयारी की है. पीएम नूरजहां का जिक्र पिछले संस्करण में भी कर चुके हैं. नूरजहां ने गांवों में सोलर लालटेन के जरिए उजियारा फैलाया था. दूरदर्शन केन्द्र राजभवन परिसर में इस अवसर पर मन की बात से जुड़े छायाचित्र आदि पर एक प्रदर्शनी लगाएगा. इसके अलावा नई दिल्ली में आयोजित कॉन्क्लेव का सजीव प्रसारण डीडी न्यूज चैनल पर किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा पर बात करते हुए कानपुर की एक महिला नूरजहां का भी जिक्र किया था. जिन्होंने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया है. नूरजहां के बारे में बताते हुए पीएम ने कहा था कि कानपुर में नूरजहां नाम की एक महिला हैं. टीवी पर देखने से नहीं लगता है कि उन्हें ज्यादा पढ़ने का सौभाग्य मिला है. हालांकि, वह ऐसा काम कर रही हैं, जो शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा. जलवायु परिवर्तन के लिए विश्व के बड़े-बड़े लोग क्या-क्या करते होंगे, लेकिन नूरजहां शायद हर किसी को प्रेरणा देने का काम कर रही हैं. वैसे भी नूरजहां का तो मतलब ही है ‘संसार को रोशन करना,इस काम के द्वारा वह रोशनी फैला रही हैं मैं नूरजहां को बधाई देता हूं.
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बता दें कि नूरजहां सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर करीब 50 गरीबों का घर रोशन कर रही थी. नूरजहां अंधेरे से जंग लड़कर अपना नाम रोशन कर रही हैं.उन्होंने श्रमिक भारती संस्था की मदद से सौर ऊर्जा से चलने वाली लालटेन का प्लांट लगाया था. 100 रुपए महीने किराए पर वे लोगों को लालटेन दिया करती थी. शाम होते ही गांववाले लालटेन ले जाते और सुबह आकर फिर चार्ज करने के लिए दे जाते थे. गांव के करीब 50 लोग रोज नूरजहां से सौर ऊर्जा से जलने वाला लालटेन लेते थे.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी