Varanasi News: शिव की नगरी वाराणसी को घाटों का शहर कहा जाता है. यहां आने वाले मां गंगा की आरती देखने जरूर जाते हैं. दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा सेवा निधि 30 सालों से गंगा आरती करा रही है. यहां कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गंगा दशहरा जैसे मौकों पर भव्य गंगा आरती देखने को मिलती है. 13 दिसंबर को पीएम मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए आ रहे हैं. वाराणसी प्रवास के दौरान पीएम मोदी विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा सेवा निधि की आरती में भी शामिल होंगे.
दशाश्वमेध घाट पर तीस साल पहले स्वर्गीय पंडित सत्येंद्र मिश्रा ने गंगा आरती की शुरुआत की थी. आज गंगा आरती अपनी भव्यता से दुनियाभर को आकर्षित कर रही है. वाराणसी में सबसे पहले मां गंगा आरती की शुरुआत वाराणसी में दशाश्वमेध घाट से हुई थी. इसके बाद अन्य घाटों पर भी धीरे-धीरे आरती की शुरुआत हुई. पहले घाट पर आयोजित होने वाली देव दीपावली में तीन से चार बजड़ों को जोड़कर गंगा आरती आयोजित होती थी. सबसे पहले देव दीपावली पर आयोजित गंगा आरती के मुख्य अतिथि तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह थे. उस वक्त आरती करने वाले अर्चकों की संख्या कम थी.
करीब 20 साल पहले गंगा आरती करने वाले सेवकों के लिए गंगा सेवा निधि ने प्रशिक्षण और रहने की व्यवस्था की. अब, पीएम मोदी इस भव्य आरती के गवाह बनेंगे. पीएम मोदी के आगमन के लिए घाटों को सजाया जा रहा है. दीपोत्सव की तरह गंगा आरती को भव्य बनाया जा रहा है. 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी नौका विहार करते हुए मां गंगा की आरती को निहारेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों में गंगा सेवा निधि पूरी तरह से जुटी हुई है.
तीन दशक से गंगा सेवा निधि की आरती में वीआईपी के अलावा कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शिरकत कर चुके हैं. देश के प्रमुख उद्योगपति अडानी, अंबानी के परिवार समेत कई नामचीन हस्तियों ने गंगा आरती की भव्यता के दर्शन किए हैं. इस बार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पर वाराणसी आ रहे पीएम मोदी भी गंगा की गोद में बजड़े पर सवार होकर भव्य आरती निहारेंगे. इस बार मां गंगा की आरती में पूरी संस्कृति सिमट जाएगी. जो भी आरती को देखेगा वो खुद को गौरवांवित महसूस करेगा.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)
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