काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का 13 दिसंबर को रंगपुख योग में उद्घाटन, पवित्र नदियों के जल से होगा अभिषेक
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन धूमधाम से होगा. इसमें साधु-संत विधि-विधान से पूजा करेंगे. इसके लिए पवित्र नदियों का जल मंगाया गया है, जिससे जलाभिषेक होगा.
Kashi Vishwanath Corridor Project: पीएम नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन 13 दिसंबर को करेंगे. इसका शिलान्यास 8 मार्च 2019 को किया गया था. करीब दो साल बाद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार है. काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन धूमधाम से होगा. इसमें साधु-संत विधि-विधान से पूजा करेंगे. इसके लिए पवित्र नदियों का जल मंगाया गया है, जिससे जलाभिषेक होगा. 12 ज्योतिर्लिंगों के पुजारी लोकार्पण में उपस्थित होंगे.
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. पंडित रामनारायण द्विवेदी ने इस दिन बन रहे शुभ योग, मुहर्त के बारे में बताया. उने मुताबिक 13 दिसंबर को रंगपुख योग बन रहा है. इस दिन सोमवार है और रवि योग भी बन रहा है. सोमवार को भगवान शिव का दिन कहा जाता है. भगवान शिव की काशी में कॉरिडोर का लोकार्पण हो रहा है. यह अपने आप में अद्भुत संयोग बना रहा है. रेवती नक्षत्र का भी शुभ योग बन रहा है. पीएम मोदी शुभ मुहूर्त में 13 दिसंबर को काशी में पूजन करेंगे.
13 दिसंबर को पीएम मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की पूजा करेंगे. इसमें अखिल भारतीय संत समिति के पूजनीय संत, विद्वान, द्वादश ज्योतिर्लिंग के अर्चक, पुजारी, 51 सिद्धपीठों के अर्चक पुजारी समेत सभी साधु-संन्यासी, धर्माचार्य, धर्मपीठाधीश्वर भी शामिल होंगे. यह एक माह तक काशी विश्वनाथ महोत्सव के रूप में चलेगा. आयोजन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम लोगों को निमंत्रण भेजा गया है.
काशी विश्वनाथ मंदिर का संपूर्ण पुनरुत्थान पहली बार हो रहा है. रानी अहिल्याबाई ने 1780 में केवल मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. राजा रणजीत सिंह ने कई टन स्वर्ण दान देकर शिखरों को मंडित किया था. इसके बाद किसी ने कोई सुध नहीं ली. 245 वर्षों बाद बड़े स्तर पर काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया. पहली बार दुनिया को काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में तमाम मंदिरों की मणिमाला दिखाई देगी. इतने पैनल बन रहे हैं कि सब कुछ मंदिर में मिलेगा. यहां खास शिलापट्ट भी लगाए जाएंगे. जिसमें काशी विश्वनाथ धाम की महिमा और आज तक की यात्रा का वर्णन किया जाएगा.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)