गीताप्रेस के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह पर मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी, पीएमओ ने मंजूर किया न्यौता

धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पुस्तकों के प्रकाशन की विश्व प्रतिष्ठित संस्था गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2023 3:06 AM

गोरखपुर. धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पुस्तकों के प्रकाशन की विश्व प्रतिष्ठित संस्था गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी की अगवानी करेंगे. गीता प्रेस प्रबंधन के अनुरोध पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएम के शामिल होने की मंजूरी दे दी है. हालांकि अभी प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से यह जानकारी नहीं दी गयी है कि पीएम मोदी किस तारीख को शिरकत करेंगे. गीताप्रेस प्रबंधन की ओर से जरूर 30 मई का निवेदन किया है. पीएम के आगमन पर गीताप्रेस की तरफ से श्री शिव महापुराण के विशिष्ट अंक के विमोचन की भी तैयारी की जा रही है.

पीएम के दौरे को लेकर समारोह की तैयारियां युद्ध स्तर पर

गीताप्रेस के व्यवस्थापक लालमणि तिवारी बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने शताब्दी वर्ष समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता के लिए आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से उनके कार्यक्रम की तिथि व समय का निर्धारण कर लिया जाएगा. लाल मणि तिवारी के मुताबिक गीताप्रेस प्रबंधन ने 30 मई की तिथि को लेकर प्रधानमंत्री से निवेदन किया है. पीएम मोदी के आगमन की स्वीकृति मिलने की जानकारी होते ही गीताप्रेस ने समारोह की तैयारियां युद्ध स्तर पर तेज कर दी हैं.

अब तक 92 करोड़ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन

धार्मिक व आध्यात्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिहाज से गीताप्रेस विश्व की सबसे बड़ी प्रकाशन संस्था है. घर-घर में श्रीरामचरितमानस व श्रीमद्भागवत ग्रंथों को पहुंचाने का श्रेय गीताप्रेस को ही जाता है. गीताप्रेस की स्थापना 1923 में किराए के भवन में सेठ जयदयाल गोयंदका ने की थी. विश्व विख्यात गृहस्थ संत भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार के गीताप्रेस से जुड़ने और कल्याण पत्रिका का प्रकाशन शुरू होने के साथ ही इसकी ख्याति उत्तरोत्तर वैश्विक होती गई. साहित्य प्रकाशन के माध्यम से सनातन धर्म और संस्कृति को बचाए रखने में इसकी भूमिका मंदिरों और तीर्थ स्थलों जितनी ही महत्वपूर्ण है.स्थापना काल से अब तक 92 करोड़ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन गीताप्रेस की तरफ से किया जा चुका है.

रिपोर्ट –कुमार प्रदीप

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