Kanpur: राष्ट्रपति कोविंद के पैतृक गांव में PM मोदी ने दिया बड़ा बयान, कहा- आपने मेरे साथ अन्याय किया
President Visit Kanpur: प्रधानमंत्री ने कहा कि परोपकार की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं उसकी साझी आज दुनिया बन रही है. मैं देख रहा था कि एक तरफ संविधान और दूसरी तरफ संस्कार. आज राष्ट्रपति जी ने पद के द्वारा बनी हुई सारी मर्यादाओं से बाहर निकलकर मुझे आज हैरान कर दिया.
President Visit Kanpur: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर देहात स्थित अपने गांव परौंख पहुंचे. अपने पैतृक गांव पहुंचने के बाद राष्ट्रपति का भव्य स्वागत हुआ. राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गांव पहुंचकर सबसे पहले पथरी देवी मंदिर में माथा टेका, राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दर्शन किए. राष्ट्रपति बनने के बाद अपने गांव का यह उनका दूसरा दौरा है.
In a special gesture, President Ram Nath Kovind received Prime Minister Narendra Modi on arrival in his native village Paraunkh in Kanpur Dehat. pic.twitter.com/GRzE8BTLGv
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 3, 2022
सीएम योगी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का गांव परौंख अब पूरी तरह डिजिटल बन चुका है. यहां पर इंटर कॉलेज हैं, तीन स्कूल हैं, कृषि मंडी है और स्वसहायता समूह भी मौजूद हैं. जोर देकर कहा गया कि अब परौंख एक आर्दश गांव बन चुका है. सीएम योगी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस खास मौके पर लोगों को संबोधित. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि उन्हें अपने जीवनकाल में राष्ट्रपति के गांव आने का मौका मिला.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि परोपकार की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं उसकी साझी आज दुनिया बन रही है. मैं देख रहा था कि एक तरफ संविधान और दूसरी तरफ संस्कार. आज राष्ट्रपति जी ने पद के द्वारा बनी हुई सारी मर्यादाओं से बाहर निकलकर मुझे आज हैरान कर दिया कि वे स्वयं हेलीपैड पर मुझे लेने आए. मैंने कहा राष्ट्रपति जी आपने मेरे साथ अन्याय कर दिया, तो उन्होंने सहज रूप से कहा कि संविधान की मर्यादाओं का पालन तो मैं करता हूं, लेकिन कभी-कभी संस्कार की भी अपनी ताकत होती है. आज आप मेरे गांव आए हैं, मैं यहां पर अतिथि का सत्कार करने आया हूं, राष्ट्रपति के रूप में नहीं आया हूं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे. भारत का गाँव यानी जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हो. भारत का गाँव यानी जहां परम्पराएँ भी हों और प्रगतिशीलता भी हो. भारत का गाँव यानी जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो. जहां ममता भी हो और समता भी हो. पीएम ने कहा कि मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है. मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों.