बंगाल में बाढ़ से 23 की मौत, लाखों बेघर, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया मुआवजा का एलान, शुरू हुई राजनीति
pm narendra modi announced compensation for bengal flood: बुधवार से बारिश का नया दौर शुरू हुआ है, जिससे बाढ़ ने और विकराल रूप धारण कर लिया है. मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हो गयी.
bengal weather news in hindi: कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बाढ़ (flood in west bengal 2021) से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है. लाखों लोग बेघर हुए हैं. बाढ़ से मरने वालों के निकट परिजनों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने 2-2 लाख रुपये मुआवजा का एलान किया है. साथ ही कहा है कि बाढ़ की वजह से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये दिये जायेंगे. बंगाल में बाढ़ (bengal flood) के मुद्दे पर केंद्र बनाम राज्य सरकार की राजनीति भी छिड़ गयी है.
ममता बनर्जी केंद्रीय उपक्रम दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) को बंगाल में बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है. ममता बनर्जी की सरकार के कृषि मंत्रालय ने कहा है कि डीवीसी ने राज्य सरकार की सहमति के बगैर पानी छोड़ दिया, जिससे बंगाल में बाढ़ की हालत (flood situation in west bengal 2021) बिगड़ गयी. हालांकि, डीवीसी ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार को सूचना देने के बाद ही पानी छोड़ा गया था.
ममता बनर्जी ने बाढ़ को बताया मानव निर्मित जल प्रलय
बता दें कि बुधवार से बारिश का नया दौर शुरू हुआ है, जिसकी वजह से बाढ़ ने और विकराल रूप धारण कर लिया है. सिर्फ बुधवार को 8 लोगों की मौत हो गयी. इससे मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हो गयी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (west bengal chief minister mamata banerjee) ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की कि डीवीसी ने अपने बांधों से अभूतपूर्व तरीके से पानी छोड़ा है, जो ‘मानव निर्मित’ जल प्रलय का कारण बना.
Also Read: Weather Alert: बाढ़ से जूझ रहे बंगाल में फिर भारी बारिश का अलर्ट, पलायन करने लगे लोग
दूसरी तरफ, डीवीसी ने कहा कि वह राज्य सरकार की सहमति लेने के बाद पानी छोड़ता है और उसे बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है. प्रधानमंत्री ने राज्य के 7 जिलों को प्रभावित करने वाली बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी (TMC supremo mamata banerjee) को फोन किया.
बंगाल के 7 जिले जलमग्न, ममता ने पीएम को लिखा खत
बातचीत के दौरान, मुख्यमंत्री ने राज्य में बाढ़ के लिए डीवीसी को जिम्मेदार ठहराया और शाम को मोदी को लिखे एक पत्र में इस मुद्दे को उठाया. पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश (Torrential Rain in Bengal) और बाद में पानी छोड़े जाने से पूर्वी और पश्चिमी बर्दवान, पश्चिमी मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों के कई हिस्से जलमग्न हो गये हैं.
Also Read: Flood in West Bengal 2021: बंगाल में बाढ़ से हाहाकार, हुगली में उतारनी पड़ी सेना
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी को हालात से निबटने के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. प्रधानमंत्री ने प्रभावित इलाकों में लोगों की सुरक्षा की कामना की.
बीरभूम भी बाढ़ की चपेट में
बीरभूम जिले के नानूर और लाभपुर ब्लॉक के कई इलाकों में बुधवार को बाढ़ आ गयी, जिससे 3000 से अधिक लोग विस्थापित हो गये. ममता बनर्जी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए हावड़ा के कुछ हिस्सों का सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री ने मोदी को पत्र लिखकर दावा किया कि डीवीसी ने गाद निकालने और निकर्षण का काम नहीं किया, और उसके बांधों की जल धारण क्षमता में वृद्धि नहीं की गयी. हालांकि, इस मुद्दे को वर्ष 2015 में भी उठाया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि पंचेट, मैथन और तेनुघाट में डीवीसी बांधों से ‘अभूतपूर्व’ पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के कुछ जिले ‘गंभीर मानव निर्मित बाढ़ की स्थिति’ का सामना कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘हम जल्द ही आपको बाढ़ की वर्तमान स्थिति से हुए नुकसान की समीक्षा भेजेंगे. मैं इस बात को दोहराना चाहती हूं कि डीवीसी को व्यवस्था की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन समाधान विकसित करने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि डीवीसी बांधों से भारी मात्रा में छोड़े गये पानी के कारण पश्चिम बंगाल को मानव निर्मित बाढ़ की आपदा से न जूझना पड़े.
डीवीसी ने 31 जुलाई से बुधवार दोपहर तक 6.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. इसमें बुधवार को दो चरणों में छोड़ा गया 95,000 क्यूसेक पानी शामिल है. वहीं, डीवीसी ने कहा कि वह राज्य सरकार की अनुमति लेने के बाद पानी छोड़ता है और बाढ़ की स्थिति के लिए उस पर आरोप लगाना सही नहीं है. डीवीसी ने कहा कि वह जल नियमन पर निर्णय नहीं लेता और इसके बारे में ‘दामोदर वैली रिजरवॉयर रेगुलेशन कमेटी’ (डीवीआरआरसी) निर्णय लेती है तथा राज्य के सिंचाई सचिव इसके सदस्य हैं.
Also Read: बंगाल में बाढ़ से हालात बेकाबू, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार, बताया- मैन मेड आपदा
डीवीसी के कार्यकारी निदेशक (मैथन) एस बनर्जी ने कहा कि डीवीआरआरसी, जहां तक संभव हो, पानी नहीं छोड़ने का प्रयास करता है, लेकिन एक सीमा के बाद बांध को खतरा उत्पन्न हो सकता है. इस बीच, राज्य के सिंचाई मंत्री सौमेन महापात्र ने डीवीसी अधिकारियों को पत्र लिखकर अगले तीन दिनों तक पानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया. हुगली, हावड़ा और पश्चिमी मेदिनीपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
बीरभूम के दो ब्लॉक से हजारों लोगों ने किया पलायन
बीरभूम के लाभपुर और नानूर ब्लॉक में बढ़ते जल स्तर ने हजारों लोगों को अपने घरों से पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया, क्योंकि उनके घर और कृषि भूमि पानी में डूब गये. इन सात जिलों में 4 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जलमग्न है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दीवार गिरने और आकाशीय बिजली गिरने से छह और डूबने से सात लोगों की मौत हुई है. भूस्खलन और करंट लगने से अब तक दो-दो लोगों की मौत हो चुकी है.
ममता के आरोप हस्यास्पद- बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश नेतृत्व ने डीवीसी पर लगाये गये ममता बनर्जी के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ करार दिया. कहा कि राज्य सरकार अपनी विफलता को छिपाने के लिए किसी चेहरे की तलाश कर रही है. प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘टीएमसी शासन के दौरान पश्चिम बंगाल में पूरी सिंचाई व्यवस्था चरमरा गयी है. अब, वे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह के हास्यास्पद बयान दे रहे हैं. वह दिन दूर नहीं, जब टीएमसी सरकार डीवीसी के बांधों को तोड़ने की मांग कर सकती है.’
मानसून सक्रिय, निचले इलाकों में बढ़ेगी परेशानी
दक्षिण बंगाल में पहले से ही गंभीर बाढ़ की स्थिति और खराब होने की संभावना है. मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी के उत्तर में एक चक्रवाती परिसंचरण और सक्रिय मानसून (Monsoon) की उपस्थिति के कारण इस क्षेत्र में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. मौसम विभाग (Weather Department) ने गुरुवार सुबह तक बाढ़ प्रभावित जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी. मौसम वैज्ञानिकों ने नदियों के जल स्तर में वृद्धि और पश्चिम बंगाल में निचले इलाकों में बाढ़ के प्रति भी सचेत किया है.
Posted By: Mithilesh Jha