कोलकाता : ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार के कट कल्चर और सिंडिकेट की वजह से बंगाल का विकास थम गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनते ही बंगाल को इस जंजाल से मुक्त किया जायेगा. बंगाल की औद्योगिक नीति में बदलाव करके प्रदेश को विकास की राह पर ले जायेंगे. ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुगली जिला में स्थित डनलप मैदान से सोमवार को कहीं.
प्रधानमंत्री ने बंगाल के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए उसमें हुगली जिला के योगदान की लोगों को याद दिलायी. कहा कि हुगली जिला भारत में उद्योगों का एक तरह से हब था. हुगली के दोनों किनारों पर जूट इंडस्ट्री थी. आयरन और स्टील मशीनों के बड़े-बड़े कारखाने थे. बड़े पैमाने पर यहां से निर्यात होता था, लेकिन अब हुगली की क्या स्थिति है? आप इसे भलीभांति जानते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब पूर्वी भारत के अनेक लोकगीतों में घर-घर में माताएं-बहनें किसी भी शुभ अवसर पर जो गीत गाती थीं, जो लोकगीत गाये जाते थे, उसमें कहा जाता था कि घर के लोग कमाने के लिए कलकत्ता गये हैं. इन गीतों में ये उम्मीद थी कि कलकत्ता से आते समय परिवार का व्यक्ति कलकत्ता से सौगातें लेकर आयेगा.
उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को इस बात की उम्मीद रहती थी कि देश-दुनिया में जो नयी चीजें बनी हैं, वो उनका स्वजन कलकत्ता (अब कोलकाता) से लेकर गांव में आयेगा. पीएम ने कहा कि ओड़िशा, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, नॉर्थ-ईस्ट ऐसे गीत गाये जाते थे. कलकत्ता की जो कीर्ति थी, यहां की राजनीति ने उसे खत्म कर दिया. अब बंगाल के लोगों को दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाना पड़ता है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्थिति को वो सरकार बदल देगी, जिसको सत्ता में बैठाने का आपलोगों ने मन बना लिया है. कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया जायेगा. औद्योगिक विकास के लिए उद्योग नीति में बदलाव किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि बंगाल की जूट मिलें देश की अधिकांश जरूरतों को पूरा करती थी. लेकिन इस उद्योग को यहां के शासकों ने अपने हाल पर छोड़ दिया.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि जूट उद्योग से किसान, श्रमिक, गरीब का सीधा नाता था. बावजूद इसके किसी ने इस उद्योग को बचाने और पुनर्जीवित करने के बारे में नहीं सोचा. जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आयी है, तब से जूट किसानों की विशेष चिंता की गयी है. गेहूं की पैकेजिंग में भी जूट के बोरों को अनिवार्य कर दिया गया है. चीनी की पैकिंग में जूट का उपयोग हो रहा है.
हुगली के आलू किसानों की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है. यहां के आलू और धान के किसान उनक किसानों को कौन लूट रहा है, ये मुझसे ज्यादा आप जानते हैं. जब तक यहां फूड प्रोसेसिंग के कारखाने नहीं लगेंगे, जब तक किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी नहीं मिलेगी, तब तक न तो किसानों का हित होगा, न ही मजदूर भाइयों-बहनों का.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंगाल में निवेश के लिए उत्साह की कमी नहीं है. सरकार ने जो माहौल बना दिया है, वही सबसे बड़ी मुसीबत है. उन्होंने कहा कि कट-कट-कट का कल्चर. सिंडिकेट. बंगाल को कट कल्चर और सिंडिकेट के हवाले कर दिया गया है. उसी के कारण राज्य का माहौल बिगड़ गया है. इस माहौल को अनुकूल बनाना है. इसलिए बंगाल में आसोल पोरिबोर्तन (असल परिवर्तन) लाना है.
उल्लेखनीय है बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा मार्च में होने की संभावना है. राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव कराये जायेंगे, 294 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा ने 200 सीट जीतकर सरकार बनाने का लक्ष्य रखा है, तो तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि पार्टी 250 से कम सीट नहीं जीतेगी.
Posted By : Mithilesh Jha