पीएम मोदी ने डोम राजा को प्रस्तावक चुनकर दिया सामाजिक समरसता का संदेश- निर्मल
सामाजिक समरसता सम्मेलन में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वित्त के अध्यक्ष लाल जी निर्मल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर एक दिशा में अनुसूचित जाति और अन्य जातियों के बीच से छुआछूत मिटाने का प्रयास किया है. उन्होंने अनुसूचित जाति को उनका सम्मान और हक दिलाने की कोशिश हमेशा की है
Varanasi News: वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत चौकाघाट स्थित पद्म विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल सभागार में सामाजिक समरसता सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इस सम्मेलन में देश भर से आए अनुसूचित जाति और जनजाति के विचारक अपनी राय रख रहे हैं. सामाजिक समरसता सम्मेलन में बनारसी सिल्क साड़ी की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसके साथ ही एससी/एसटी कम्युनिटी पर आधारित कई तरह के कल्चरल प्रोग्राम किए जा रहे हैं. यहां पर पूर्वांचल से बड़ी संख्या में कामगार महिलाएं और खेतीहर किसान पहुंचे हैं.
सामाजिक समरसता सम्मेलन में जनजाति शोध व विकास संस्थान वाराणसी द्वारा काष्ठकला, पत्थर कला, बनारसी सिल्क साड़ी, ट्राइबल हीलर्स, इको चटाई निर्माण, तीर धनुष, डलिया, दोना-पत्तल निर्माण का स्टाल भी लगाया गया है. कई बनारसी सिल्क साड़ियों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है. सम्मेलन में आदिवासी गोंडी गोठूल पाठशाला के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. उसके अलावा, जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान के आदिवासियों द्वारा नृत्य भी प्रस्तुत किया गया.
सम्मेलन में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वित्त के अध्यक्ष लाल जी निर्मल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर एक दिशा में अनुसूचित जाति और अन्य जातियों के बीच से छुआछूत मिटाने का प्रयास किया है. उन्होंने अनुसूचित जाति को उनका सम्मान और हक दिलाने की कोशिश हमेशा की है. इसका उदाहरण उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की जब सोची, तो डोम राजा को अपना प्रस्तावक चुना. यही सामाजिक समरसता है.
सम्मेलन में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त के अध्यक्ष लाल जी निर्मल, उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार समेत पूर्वांचल में दलित और पिछड़ों के नेता शामिल हुए.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी