Loading election data...

पश्चिम बंगाल : पुलिस का आवेदन खारिज, 30 टेट अभ्यर्थियों को मिली सशर्त जमानत

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के कैमक स्ट्रीट स्थित दफ्तर के पास 2014 के टेट अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच हुई झड़प की घटना में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 30 टेट अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2022 11:22 AM
an image

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के कैमक स्ट्रीट स्थित दफ्तर के पास 2014 के टेट (TET) अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच हुई झड़प की घटना में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 30 टेट अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था. गुरुवार को पुलिस की तरफ से सभी 30 गिरफ्तार अभ्यर्थियों को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सभी को 300 रुपये के व्यक्तिगत मुचलके पर सशर्त रिहा करने का आदेश दिया. सभी को सप्ताह में एक बार इस मामले के जांच अधिकारी से आकर मिलना होगा.

Also Read: West Bengal : बंगाल में दिसंबर में सांप्रदायिक दंगा भड़काने की रची जा रही साजिश : ममता बनर्जी
बचाव पक्ष का आरोप : सलाखों के पीछे हैं पीड़ित व आरोपी अस्पताल में भर्ती

अदालत सूत्रों के मुताबिक इस दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि शेक्सपीयर सरणी थाने की पुलिस ने नौकरी देने की मांग पर आंदोलन कर रहे 30 टेट अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस जिन्हें गिरफ्तार कर अदालत से अपनी हिरासत में लेने की मांग कर रही है, क्या वे माओवादी हैं ? उनका कसूर बस इतना है कि वे शांतिपूर्वक अपने हक की मांग कर रहे थे. इनमें अरुणिमा पाल नामक टेट अभ्यर्थी की एक कलाई पर महिला पुलिसकर्मी ने आंदोलन के दौरान दांतों से काटा है. जिस महिला पुलिसकर्मी पर काटने का आरोप है, उसे एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि उनकी मुवक्किल अरुणिमा पाल के हाथों में दर्द होने के बावजूद उसे रातभर सलाखों के पीछे रखा गया. पुलिस का यह रवैया क्या सही है? सभी को जमानत पर तुरंत रिहा किया जाये.

Also Read: कोलकाता के सालारपुरिया सत्व समूह की 49.99 करोड़ का बैंक बैलेंस व 29 लाख रुपये नकदी कुर्क
सरकारी वकील का आरोप : पहले पुलिस की कलाई में काटा गया, तब महिला पुलिसकर्मी ने किया बचाव

वहीं, सरकारी वकील ने पुलिस का पक्ष रखते हुए कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन करने का हक सभी को है. वे आंदोलन के जरिये अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे. अरुणिमा ने पहले महिला पुलिसकर्मी की कलाई में दांतों से काटा. इसके बाद गुस्से में महिला पुलिसकर्मी ने बचाव किया. ये आंदोलनकारी किस संगठन से जुड़े हैं, पुलिस को इसका पता लगाने की जरूरत है. इस कारण सभी अभ्यर्थियों को पुलिस हिरासत में भेजा जाये. वहीं, दोनों पक्ष की बातों को सुनकर अदालत ने पुलिस के आवेदन को खारिज कर सशर्त सभी अभ्यर्थियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

Also Read: West Bengal : अनुब्रत मंडल के विकल्प के रूप में राणा सिंह हो सकते है बीरभूम के पार्टी अध्यक्ष

Exit mobile version