मेरठ: तांत्रिक ने की थी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सुरक्षाकर्मी की हत्या, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान…
मेरठ: मामले की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने तांत्रिक गणेशानंद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ. तांत्रिक ने बताया कि एक वर्ष पहले गोपीचंद ने अपनी पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र से मरवाने को लेकर उससे मुलाकात की थी. वह गोपीचंद से लाखों रुपये ले चुका था.
Meerut: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में लगे मेरठ निवासी सिपाही के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. परिजन सिपाही की तलाश कर रहे थे. लेेकिन, एक तांत्रिक ने उसकी हत्या कर शव गंगा में फेंक दिया था. सिपाही तंत्र मंत्र से अपनी पत्नी की हत्या कराना चाहता था, इसके लिए वह तांत्रिक को लाखों रुपये दे चुका था. तांत्रिक को लगा कि वह तंत्र से सिपाही की पत्नी को नहीं मरवा पाएगा, ऐसे में उसे सिपाही को रकम वापस करनी पड़ेगी, इसलिए उसने उसकी हत्या कर दी. हत्यारोपी तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मेरठ का रहने वाला दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल गोपीचन्द 26 मार्च से लापता था. गोपीचंद की पत्नी रेखा ने थाना सरधना पर उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद परिजन उसकी तलाश में जुटे थे. उन्होंने पुलिस पर मामले में मदद नहीं करने का आरोप लगाया.
इस बीच हेड कांस्टेबल गोपीचंद का भाई आदित्य मौर्य और पत्नी रेखा रानी ने एसपी देहात कमलेश बहादुर से मुलाकात कर पुलिस पर मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. इस दौरान भाई ने बताया कि उसका भाई गोपीचंद हस्तिनापुर में एक साधु से मिलने जाता था और साधु को संभवत: रुपये भी दिए थे. गोपीचंद 26 मार्च को घर आया था और कुछ देर बाद ही घर चला गया था. इसे बाद उसकी आखिरी लोकेशन लावड़ और मोटरसाइकिल हस्तिनापुर के जंगल में मिली.
मामले की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने तांत्रिक गणेशानंद को हिरासत मे लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ. तांत्रिक ने बताया कि एक वर्ष पहले गोपीचंद ने अपनी पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र से मरवाने को लेकर उससे मुलाकात की थी. इसके बाद गोपीचंद लगातार उससे इस संबंध में मिलता रहा. इसके बदले में उसने तांत्रिक को एक साल में करीब ढाई लाख रुपये भी दिए.
बताया जा रहा है कि तांत्रिक ने विगत 26 मार्च को गोपीचंद को डेढ़ लाख रुपये लेकर अपने आश्रम पर आने और रेखा को मारने के लिए तंत्र-मंत्र करने के लिए बुलाया था. इस पर गोपीचंद अपनी मोटरसाइकिल से मुर्गा लेकर उसके आश्रम में पहुंचा. इसके बाद तांत्रिक गोपीचंद को सिरजेपुर गांव के पास गंगा किनारे ले गया. तथाकथित तंत्र क्रिया के दौरान गोपीचंद वहीं पास में लेट गया. इसी दौरान बाबा ने पहले मुर्गे की बलि दी और फिर गोपीचंद के गले पर वार कर उसे घायल कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद तांत्रिक ने गोपीचंद के शव को गंगा नदी में बहा दिया
पुलिस ने तांत्रिक की निशानदेही पर मौके से वारदात में प्रयुक्त हथियार, मोटरसाइकिल के टूटे टुकड़े बरामद किए. पूछताछ में तांत्रिक ने बताया कि गोपीचंद उसे साढ़े चार लाख रुपये दे चुका था और डेढ़ लाख रुपये उसके पास नकद थे. वह उसकी पत्नी को तंत्र-मंत्र से नहीं मार सकता था. ऐसे में गोपीचंद उससे अपने रुपये वापस मांगता, जिसे वह लौटाने की स्थिति में नहीं था. इस वजह से उसे गोपीचंद की हत्या की.