बिहार के वैशाली जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. वैशाली जिले में एक कैदी को मृत हाल में हथकड़ी के साथ लाया गया. जेल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में कैदी का इलाज के दौरान मौत हो गयी है, जबकि सदर अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि कैदी को मृत हाल में अस्पताल लाया गया था. चिकित्सक द्वारा जब इस बात की जानकारी परिजनों को मिली तो परिजनों ने जेल प्रशासन पर सवाल खड़ा करते हुए जमकर हंगामा किया.
मृत कैदी की पहचान राजकिशोर साह के रूप में हुई, जो लालगंज थाना क्षेत्र के चकसाले गांव का रहने वाला था. कैदी को पुलिस ने सात साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने करीब एक सप्ताह पहले जेल भेजा था. कैदी की तबियत बिगड़ने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. वैशाली सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि कैदी को मृत हालत में ही अस्पताल लाया गया था और बंदी का किसी तरह का इलाज नहीं हुआ था.
मृत कैदी के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है. परिजनों ने कहा कि जेल में कैदियों का समुचित इलाज नहीं होता है, अपनी नाकामी छुपाने के लिए जेल प्रशासन सदर अस्पताल का सहारा लेता है. मृत बन्दी राजकिशोर साह को अगर न्याय नहीं मिला तो मजबूरन लोग उग्र आंदोलन करेंगे.
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बता दें कि 2015 में लालगंज बाजार में दंगा हुआ था, जिस मामले में लालगंज थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 16 फरवरी को जेल भेजा था. कैदी की मौत हो जाने के बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई, जिसके बाद परिजन सदर अस्पताल पहुंचे. मृतक लालगंज में एक छोटी सी दुकान चलाता था और उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है.