गिरिडीह के ढोलकट्टा में पुलिस कैंप का हो रहा निर्माण, अब नक्सलियों की मूवमेंट पर लगेगी ब्रेक
पारसनाथ पर्वत से नक्सलियों के सफाये को लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा CRPF कैंप का निर्माण कराया जा रहा है. एक के बाद एक पारसनाथ की तराई वाले इलाके में कैंप का निर्माण कर नक्सलियों के मूवमेंट पर रोक लगाने को लेकर पुलिस काफी हद तक सफल हुई है.
नक्सलियों के सबसे बड़े सैफ जोन वाले गिरिडीह के ढोलकट्टा में CRPF कैंप का निर्माण कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है. इस इलाके में कैंप का निर्माण होने से नक्सलियों के मूवमेंट पर पूरी तरह से रोक लग जायेगी. ढोलकट्टा-सिमराढाब का इलाका धनबाद के तोपचांची से सटा हुआ इलाका है. यहां की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि नक्सली बड़े आराम से किसी भी घटना को अंजाम देकर धनबाद के इलाके में प्रवेश कर जाते हैं. ढोलकट्टा का इलाका भाकपा माओवादी के लिए सुरक्षित इलाका माना जाता रहा है. इसी को देखते हुए यहां कैंप का निर्माण कराया जा रहा है. इसके पूर्व मधुबन, खुखरा, पर्वतपुर, खोलोचुआ और मोहनपुर में भी कैंप का निर्माण हो चुका है. जिससे नक्सलियों को बैकफुट पर जाना पड़ा है. अब ढोलकट्टा में कैंप के निर्माण होने से नक्सलियों के मूवमेंट पर पूरी तरह से रोक लग जायेगी.
25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर ने संभाल रखा है इलाकापारसनाथ का इलाका अब 25 लाख के इनामी नक्सली अजय महतो उर्फ टाइगर ने अपने जिम्मा ले रखा है. अब यहां अजय महतो के नेतृत्व में ही संगठन चल रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में अजय महतो इसी इलाके में छिपा हुआ था. हालांकि पुलिसिया दबिश के कारण अजय महतो भी अब अपना ठिकाना बदलते हुए छिपता फिर रहा है. अजय महतो पीरटांड़ के पांडेयडीह का ही रहने वाला है.
प्रशांत बोस के लिए था सुरक्षित इलाका
नक्सलियों के थिंक टैंक माने जाने वाले एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ निर्भय जी भी हाल के दिनों में पारसनाथ पर्वत के इसी ढोलकट्टा के इलाके में रह रहे थे. करीब एक माह तक प्रशांत बोस ढोलकट्टा के ही पहाड़ी वाले इलाके में छिप कर रह रहे थे. लेकिन, इसकी भनक तक नहीं लग पायी. लिहाजा यहां से निकलने के बाद पुलिस ने उन्हें पुलिस गिरफ्तार करने में सफलता पायी. इतना ही नहीं, इस इलाके में एक करोड़ के इनामी नक्सली अनल दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी, कृष्णा हांसदा, रामदयाल महतो का भी पारसनाथ इलाके में लगातार प्रभाव रहा है.
चप्पे-चप्पे पर तैनात थे CRPF के जवान
ढोलकट्टा में कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार से कैंप का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो गया है. ढोलकट्टा मोड़ से लेकर पूरे इलाके में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती चप्पे-चप्पे पर की गयी है. इसके अलावा सीआरपीएफ और जिला पुलिस के वरीय पदाधिकारी भी लगातार इलाके में कैंप किये हुए है. ढ़ोलकट्टा-सिमराढ़ाब के बीच सीआरपीएफ की तैनाती से नक्सल गतिविधियों में कमी आयेगी. भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ कैंप का निर्माण कार्य हो रहा है. कैंप निर्माण को लेकर अधिकारियों की उपस्थिति में जेसीबी लगायी गयी है. सीआरपीएफ जवानों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है.
इधर, कैंप के निर्माण स्थल में बोरिंग का कार्य भी पूरा हो गया है. अब कुछ ही दिनों के बाद ग्रामीणों को यहां से पानी दिया जायेगा. एक सीआरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि कैंप में जवानों को जिस तरह की स्वास्थ्य सुविधा मिलती है उसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा यहां के ग्रामीणों को मिलेगी. इसके अलावा उनके हर सुख-दुख में सीआरपीएफ हमेशा साथ खड़ा रहेगी. कहा कि कैंप के निर्माण होने से गांव का विकास होगा.
ग्रामीणों के बीच होगा सिविक एक्शन के तहत प्रोग्राम : एएसपी अभियानएएसपी अभियान गुलशन तिर्की ने बताया कि ढोलकट्टा व सिमराढाब के इलाके में बहुत जल्द सिविक एक्सन प्रोग्राम के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा और ग्रामीणों के बीच उनकी जरूरत की सामाग्री का वितरण किया जायेगा. इससे पुलिस-पब्लिक का रिश्ता और मजबूत होगा. उन्होंने बताया कि अस्थायी कैंप का निर्माण इस इलाके से नक्सलियों के मूवमेंट पर रोक लगाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. बताया कि बहुत जल्द कुछ अन्य इलाकों में भी इस तरह के कैंप का निर्माण कराया जायेगा. जिसकी तैयारी की जा रही है. इधर कैंप के निर्माण को लेकर सीआरपीएफ 22 वीं बटालियन के कमांडेट मोहित सिंह, एएसपी अभियान गुलशन तिर्की, डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार के अलावे तमाम पुलिस-पदाधिकारी मौके पर कैंप किये हुए है.
रिपोर्ट : मृणाल कुमार, गिरिडीह.