गोरखपुर: पूर्व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के खाली प्लॉट पर लगा माफिया विनोद उपाध्याय का बोर्ड हटा दिया गया. और वहां पर निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया है. गोरखपुर के गुलरिहा के मोगलहा उर्फ सेलमपुर में पूर्व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता की खाली प्लॉट पर विनोद उपाध्याय ने अपना बोर्ड लगाया था. माफिया विनोद उपाध्याय इस भूमि को अपना बताने के साथ ही कई बार कब्जे का प्रयास भी कर चुका है. पुलिस फरार चल रहे विनोद उपाध्याय उसके भाई समेत अन्य साथियों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
दाउदपुर में रहने वाले कैंसर पीड़ित पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता प्रवीण श्रीवास्तव का गुलरिहा थाना क्षेत्र के मोगलहा उर्फ सलेमपुर में प्लॉट है. जिसे माफिया विनोद उपाध्याय अपना बताता है. और उस पर कई बार कब्जा करने की कोशिश भी कर चुका है. जबकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. प्रवीण के अलावा बैनामा लेने वाले अन्य लोगों को भी विनोद उपाध्याय और उसके गुर्गों ने निर्माण करने से रोका है.
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत प्रीति गुप्ता ने भी इसी प्लॉट में 1015 वर्ग मीटर भूमि का बैनामा कराया है. वो 26 मई 2021 को मकान का निर्माण करा रही थी. तभी माफिया विनोद उपाध्याय के गुर्गों ने काम करने से रोक दिया. जब प्रीति गुप्ता के पति ने बैनामे का पेपर दिखाया तो गुर्गों ने पति की पिटाई कर दी. और निर्माणाधीन दीवार को गिरा दिया. जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत थाने में की. लेकिन थाने की तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.
बीते 24 मई को गुलरिहा थाने में दर्ज हुए रंगदारी मांगने व धमकी देने के मुकदमे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने माफिया विनोद उपाध्याय उसके भाई संजय सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें विनोद उपाध्याय के नौकर छोटू को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. विनोद उपाध्याय सहित बाकी लोगों की तलाश में दबिश दे रही है. वहीं एसएसपी ने माफिया विनोद उपाध्याय उसके भाई संजय पर 25-25 हजार के इनाम की घोषणा भी की है. गिरफ्तारी के लिए पुलिस गोरखपुर, लखनऊ और अयोध्या में छापेमारी कर रही हैं.
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पीड़ित प्रवीण श्रीवास्तव से 5 लोगों ने इस भूमि में बैनामा लिया है. इसमें बस्ती में तैनात इंस्पेक्टर के अलावा, 2 शिक्षक, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तैनात नर्स व एक स्थानीय व्यक्ति शामिल है. 26 दिसंबर 2021 को नर्स के पति की पिटाई करने व निर्माण कार्य रोक देने के बाद कोई भी अपनी भूमि पर निर्माण कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर