ऑक्टोपस अभियान के दौरान लातेहार के बूढ़ा पहाड़ में पुलिस-नक्सली मुठभेड़, सर्च ऑपरेशन जारी
लातेहार के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में एक बार फिर पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई. ऑक्टोपस अभियान के तहत पुलिस के सर्च ऑपरेशन के दौरान यह मुठभेड़ हुआ. दोनों ओर से काफी गोलियों चली, लेकिन पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खड़े हुए.
Jharkhand Naxalites News: लातेहार के बूढ़ा पहाड़ पर ऑक्टोपस अभियान (Octopus Campaign) के दौरान नावाटोली जंगल में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ मंगलवार की सुबह 10 से 11 बजे के बीच हुई. इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से काफी गोली ली. बूढ़ा पहाड़ पर हुए मुठभेड़ की गोली की आवाज बूढ़ा पहाड़ से सटे तिसिया और कुजरूम गांव तक सुनायी पड़ी. पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की ओर निकल गये. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सर्च अभियान चलाया.
पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की लातेहार एसपी ने की पुष्टि
लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि बूढ़ा पहाड़ को खाली कराने के लिए माओवादियों के खिलाफ ऑक्टोपस अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि माओवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. कहा कि नक्सली या तो सरेंडर करे या इन इलाकों को खाली करे.
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर अवस्थित है बूढ़ा पहाड़
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़. इसका क्षेत्र 55 वर्ग किमी में फैला हुआ है. बूढ़ा पहाड़ लातेहार और गढ़वा तथा छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर से सटा है. इस कारण यह इलाका जो माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है.
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पुलिस का नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी
वर्ष 2018 के बाद पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है. अभियान के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से तिसिया गांव के समीप बूढ़ा नदी में पुल का निर्माण किया है. पुल के बनने से पुलिस को बूढ़ा पहाड तक जाने के लिए काफी सहुलियत हुई है. बूढ़ा पठारी नदी है जिसमें पानी का बहाव काफी तेज होता है. बूढ़ा नदी पर पुल बनने से पुलिस के साथ-साथ ग्रामीणों को भी काफी सहूलियत हुई है.