Jharkhand Naxal News : सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई थाना क्षेत्र में बारुदा व सारुबेड़ा के बीच कोइया जंगल में कोल्हान की पुलिस को बड़ी सफलता मिली. चारों तरफ नदी-नाला व पहाड़ों से घिरे करीब दो हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नक्सलियों के कैंप पर सुरक्षा बलों ने दबिश दी. इस दौरान हुई मुठभेड़ में नक्सलियों के दो सेक्शन कमांडर मारे गये. वहीं, सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने चार जिंदा केन बम बरामद किया, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया. इससे सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं. वहीं नक्सलियों को बड़ी चोट पहुंची है. मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों में खूंटी के काली मुंडा और बोकारो की रीला कुमारी शामिल हैं. बताया जाता है कि काली मुंडा को पीठ में व रीला कुमारी को सीने में गोली लगी. घटनास्थल पर दोनों नक्सलियों की मौत हो गयी. दोनों नक्सली वर्दी में थे. काली मुंडा राइफल लिए हुए था. रीला कुमारी खाना पकाने के लिए लकड़ी काट रही थी. इसी समय मुठभेड़ शुरू हो गयी.
कैंप में अमित मुंडा, सालुका कायम और अनल दा का दस्ता था मौजूद
जानकारी के अनुसार, पहाड़ पर बने कैंप में नक्सली नेता अमित मुंडा, सालुका कायम और अनल दा का दस्ता मौजूद था. शुक्रवार की सुबह 4:30 बजे से करीब एक घंटा तक मुठभेड़ हुई. इसके बाद करीब दो घंटे तक सर्च ऑपरेशन चला. मुठभेड़ के बाद अनल दा का दस्ता घने जंगल में छिप गया है. फिलहाल नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है.
कैंप में तैनात थे 60 से 70 नक्सली
नक्सली एरिया कंमाडर अमित मुंडा के दस्ता में 60 से 70 सदस्य है. पिछले कई दिनों से कुचाई थाना क्षेत्र के जंगलों में कैंप बनाकर रह रहा था. पुलिस को काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि अमित मुंडा का दस्ता कुचाई व झरझरा के जंगलों में सक्रिय है.
नक्सली कैंप को जवानों ने ध्वस्त कर दिया
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने नक्सली कैंप को ध्वस्त कर दिया. यहां नक्सलियों के जरूरत का हर सामान उपलब्ध था. कैंप में दर्जनों पिटू, कपड़ा, वर्दी, दवा, खाना पकाने के बर्तन, बिस्तर, चटाई, पांच मोबाईल फोन, खाली मैगजीन (तीन), 170 पीस जिंदा कारतूस, थाली, प्लास, छाता आदि सामान था.
सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के सामान को जलाया
मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर नक्सली जरूरत के कई सामान छोड़कर फरार हो गये. इसके बाद पुलिस घटना स्थल पहुंची. जरूरत की सामग्री को पुलिस जब्त कर ले गयी. अन्य सामग्रियों को पुलिस ने कैंप में जलाकर नष्ट कर दिया.
दो हजार फीट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर था नक्सली कैंप
नक्सलियों का कैंप करीब दो हजार फीट उंचे पहाड़ की चोटी पर स्थित था. वहां वाहन जाने की सुविधा नहीं थी. एकमात्र रास्ता पैदल है. यह चारों तरफ घने जंगल से घिरा हुआ है. पुलिस ने एक किमी पहले सुरक्षित स्थान पर बाइक खड़ी की. यहां से पहाड़ पर पैदल चलना शुरू किया.
छह नदी-नाला पार कर पहाड़ पर पहुंचे थे जवान
मुठभेड़ स्थल पर पहुंचने के लिए जवानों को चक्रधरपुर से छह नदी-नाला पार करना पड़ा. उस स्थान पर पुल-पुलिया नहीं है. आजादी के 75 वर्षों बाद भी घने जंगल में बसे लोगों को अपने घर जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कई गांवों में बिजली व सड़क की सुविधा नहीं है.
Posted By : Guru Swarup Mishra