हजारीबाग में पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़, दोनों ओर से हुई फायरिंग
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के बाद हजारीबाग जिला में भी पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हो गयी. हजारीबाग जिला के केरेडारी में शनिवार (29 अगस्त, 2020) को पुलिस एवं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीम का नक्सलियों का आमना-सामना हो गया. दोनों ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई.
केरेडारी : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के बाद हजारीबाग जिला में भी पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हो गयी. हजारीबाग जिला के केरेडारी में शनिवार (29 अगस्त, 2020) को पुलिस एवं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीम का नक्सलियों का आमना-सामना हो गया. दोनों ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई.
बताया जा रहा है कि केरेडारी प्रखंड के बकचोमा जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ हुई. सीआरपीएफ और पुलिस ने संयुक्त रूप से बकचोमा जंगल में घुसकर नक्सलियों पर धावा बोल दिया. नक्सलियों ने भी सुरक्षा बलों पर फायरिंग की. दोनों ओर से दर्जनों राउंड गोलियां चलने की खबर है.
हालांकि, पुलिस और सीआरपीएफ को भारी पड़ता देख नक्सली जंगलों में छिप गये. इस दौरान कई नक्सलियों को जूते, चप्पल और कपड़े तक छोड़कर वहां से जान बचाकर भागना पड़ा. सूचना है कि सुरक्षा बलों के साथ जिन नक्सलियों की मुठभेड़ हुई है, वे कारू यादव दस्ता के सदस्य हैं.
नक्सलियों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व हजारीबाग जिला के पुलिस कप्तान कार्तिक एस खुद कर रहे थे. बताया जा रहा है कि कारू यादव दस्ता के सदस्य कोयला कंपनियों से से लेवी की वसूली करते हैं. लेवी की वसूली के उद्देश्य से ही इस दस्ते ने करीब दो सप्ताह से केरेडारी के बकचोमा जंगल में डेरा डाल रखा था.
करीब दो सप्ताह पहले 12-15 हथियारबंद नक्सलियों को क्षेत्र में देखा गया था. इसके बाद ही पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर नक्सलियों की मांद में घुसकर उनके सफाये की योजना बनायी. जिले के एसपी कार्तिक एस के नेतृत्व में सुरक्षा बलों की टीम ने नक्सलियों पर धावा बोला, लेकिन जंगल की आड़ में वे लोग भाग गये.
एसपी कार्तिक एस ने कहा है कि केरेडारी के जंगलों में मुठभेड़ हुई. पुलिस के दबाव को देखते हुए नक्सली अपनी दिनचर्या के सामान वहीं छोड़कर फरार हो गये हैं. मुठभेड़ में कितने नक्सली घायल हुए हैं या मारे गये हैं, इसका पता नहीं चल पाया है. सुरक्षा बलों ने जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रखा है. सर्च ऑपरेशन खत्म होने के बाद मालूम हो पायेगा कि नक्सलियों को कितना नुकसान हुआ.
Posted By : Mithilesh Jha