गोरखपुरः थानों के बैरक की जल्द बदलेगी सूरत, शाहपुर में कार्य शुरू, पुलिसकर्मियों को मिलेगी ये सुविधा
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गोरखपुर के पुलिस लाइन सहित पांच थानों में बैरक बनाया जा रहा है. यह बैरक आधुनिक सुविधाओं से लैस रहेंगे. इसमें पुलिसकर्मियों को बिस्तर के साथ-साथ जरूरत के सामान उपलब्ध रहेंगे.
यूपीः बदल रहे गोरखपुर के साथ-साथ अब शहर के थानों में भी पुलिसकर्मियों के सुविधा को देखते हुए आधुनिक सुविधा से लैस नई बैरक बनाने की तैयारी चल रही है. ये बैरक आधुनिक सुविधाओं से लैस रहेंगे. शाहपुर थाने में नई बैरक बनाने का काम शुरू भी हो गया है. जल्द ही चार और थानों के साथ-साथ पुलिस लाइन में भी बैरक बनने शुरू हो जाएंगे. तैयार हो रहे इस बैरक में पुलिस कर्मियों को काफी सुविधाएं मिलेगी.
एसपी सिटी ने क्या बताया
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गोरखपुर के पुलिस लाइन सहित पांच थानों में बैरक बनाया जा रहा है. यह बैरक आधुनिक सुविधाओं से लैस रहेंगे. इसमें पुलिसकर्मियों को बिस्तर के साथ-साथ जरूरत के सामान उपलब्ध रहेंगे. सामान रखने के लिए बक्से की जरूरत नहीं पड़ेगी. बताते चलें आमतौर पर बैरक में रहने वाले पुलिसकर्मियों को सोने के लिए तख्त और बिस्तर का खुद इंतजाम करना पड़ता था. साथ ही पुलिसकर्मियों को अपने सामान को सुरक्षित रखने के लिए बक्से की भी व्यवस्था करनी पड़ती थी.
पुलिस कर्मियों की सुविधा को देखते हुए यह अत्याधुनिक बैरक बनाई जा रही है. शाहपुर थाने में इसका कार्य शुरू हो गया है. अभी गोरखपुर पुलिस लाइन, तिवारीपुर, राजघाट, खोराबार और कोतवाली थाने में जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा.
100 साल पुरानी है पुलिस लाइन
वहीं गोरखपुर में यूपी का पहला मॉडल पुलिस लाइन बनेगा. पुलिस लाइन के एक हिस्से में पुलिस से जुड़े सभी विभागों के दफ्तर के बीच में परेड ग्राउंड और आवास को भी जगह दिया जाएगा. पुलिस लाइन 100 साल पुरानी हो गई है. पुलिस लाइन के पास पर्याप्त जमीन भी है लेकिन कार्यालय, आवास और परेड ग्राउंड व्यवस्थित तरीके से जहां जगह मिली है, वह निर्माण शुरू हो गया है. 75 एकड़ के आसपास अपनी जमीन है.
Also Read: गोरखपुर: पुलिस भर्ती में सफल नहीं होने पर बीसीए का छात्र बना फर्जी दारोगा, रौब झाड़कर करता था वसूली
मिल सकती है मंजूरी
पुलिस लाइन के अधिकांश भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गए और कार्यालय का भी वहीं हाल है. मॉडल पुलिस लाइन का लेआउट तैयार कर मुख्यमंत्री योगी के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को इसकी प्रस्तुति की गई थी. माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर शासन से मंजूरी मिल सकती है.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर