पश्चिम बंगाल में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) और पार्टी के कई अन्य विधायकों को संदेशखाली इलाके में जाने से सोमवार को रोक दिया. पुलिस ने इलाके में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए नेताओं को रोका. इससे पहले, उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में अशांति के मद्देनजर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विरोध प्रदर्शन करने पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित भाजपा के छह विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के बाद शुभेंदु अधिकारी अन्य भाजपा विधायकों के साथ संदेशखाली के उन स्थानीय लोगों से मिलने के लिए बस में चढ़े, जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘प्राधिकारियों ने निषेधाज्ञा और बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक के उस पत्र का हवाला देते हुए हमें बसंती राजमार्ग पर रोक दिया जिसमें दावा किया गया है कि मेरे संदेशखाली जाने से क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘यह बेतुकी बात है. कानून-व्यवस्था की समस्या का हवाला देकर मुझे संदेशखालि से 65 किलोमीटर दूर कैसे रोका जा सकता है ? हम सच्चाई को दबाने की राज्य सरकार की इस कोशिश की निंदा करते हैं. संदेशखाली में महिलाओं ने पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके ‘‘गिरोह’’ ने उनका यौन उत्पीड़न किया तथा उनकी जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया.भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा और हम 15 फरवरी को संदेशखाली जायेंगे.अगर उस दिन हमें फिर से राेका गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. ममता बनर्जी को जवाब देना होगा.
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