आगरा: विवेचना में सामूहिक दुष्कर्म की धारा हटाने पर दारोगा निलंबित, थाना प्रभारी पर भी गिर सकती है गाज
मुकदमे की चार्जशीट आगरा में एसीपी छत्ता आरके सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने धारा का हटाये जाने पर सवाल उठाए. और कहा कि अगर आरोप सही नहीं थे तो धारा क्यों लगाई गई. इसके बाद बेलनगंज चौकी प्रभारी ने इस मामले की जांच की, जिसमें विवेचक की लापरवाही के लिए थानाध्यक्ष को जिम्मेदार माना.
Agra News: उत्तर प्रदेश में आगरा के थाना ट्रांस यमुना के दारोगा को विवेचना में लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित कर दिया गया है. दारोगा ने विवेचना में सामूहिक दुष्कर्म की धारा हटा दी थी, जिसकी जांच हुई थी और एसीपी छत्ता ने दारोगा और थाना प्रभारी के खिलाफ विवेचना में लापरवाही बरतने की रिपोर्ट अधिकारियों को प्रस्तुत की थी. डीसीपी सिटी ने इस मामले में जांच कराई, जिसमें आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. ट्रांस यमुना इलाके की एक युवती 17 जून को लापता हुई थी. इस संबंध में 12 जुलाई को थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ. मुकदमे के तीन दिन बाद युवती को सकुशल छुड़ा लिया गया, जिसमें उसने बताया कि उसे फिरोजाबाद के होटल में रखा गया और युवती ने कोचिंग संचालक सहित तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया. ऐसे में विवेचक ने सामूहिक दुष्कर्म की धारा की वृद्धि की. लेकिन, जब चार्जशीट लगाई तो धारा को हटा दिया गया. युवती के परिजनों ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की.
इस मुकदमे की चार्जशीट आगरा में एसीपी छत्ता आरके सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने धारा का हटाये जाने पर सवाल उठाए. और कहा कि अगर आरोप सही नहीं थे तो धारा क्यों लगाई गई. इसके बाद बेलनगंज चौकी प्रभारी ने इस मामले की जांच की, जिसमें विवेचक की लापरवाही के लिए थानाध्यक्ष को जिम्मेदार माना और एसीपी छत्ता ने अपनी रिपोर्ट डीसीपी को सौंप दी.
इसके बाद इस मामले में डीसीपी सिटी द्वारा प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई. डीसीपी सिटी की जांच में सामने आया कि थाना ट्रांस यमुना में तैनात दारोगा शिव मंगल ने विवेचना में काफी लापरवाही बरती थी. ऐसे में डीसीपी सिटी के निर्देश पर एसआई शिव मंगल को निलंबित कर दिया गया है. वहीं थाना प्रभारी सुमनेश विकल के खिलाफ भी पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट भेजी गई है. ऐसे में थाना प्रभारी पर भी कार्रवाई हो सकती है.