छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का ऐसा है राजनीतिक जीवन, अंबिकापुर से लगातार तीन बार जीते चुनाव
छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव इसी साल होने हैं. नवंबर के अंत में या दिसंबर के पहले सप्ताह में चुनाव करा लिए जाएंगे. राजघराने से ताल्लुक रखने वाले प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव संगठन से सरकार तक पहुंचे हैं. उनके अब तक के राजनीतिक सफर के बारे में यहां पढ़ें.
Chhattisgarh Election : छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. महाराजा एमएस सिंहदेव के घर 31 अक्टूबर 1952 को उनका जन्म हुआ. उनका जन्मस्थान उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद है, लेकिन कर्मस्थली छत्तीसगढ़ है. 21 नवंबर 1982 को उनका विवाह हुआ. इतिहास में एमए तक की पढ़ाई करने वाले श्री सिंहदेव व्यापारी हैं. पढ़ाई, खेल, यात्रा, वन्यजीव और पर्यावरण में उनकी रुचि है. नगरपालिका परिषद अंबिकापुर के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. राज्य वित्त आयोग के चेयरमैन रहे हैं. इंग्लैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, इटली, ऑस्ट्रेलिया, चेकोस्लोवाकिया, जर्मनी, नीदरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, मलेशिया, स्पेन, पुर्तगाल, ग्रीस, दुबई, नेपाल, थाईलैंड, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका का निजी यात्रा कर चुके हैं.
संगठन से सरकार तक ऐसा रहा है टीएस सिंहदेव का सफर
वर्ष 1983 में वह कांग्रेस के सदस्य बने. इसी साल अंबिकापुर नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष बनाये गये, यूथ कांग्रेस पर्यावरण प्रकोष्ठ के संयोजक और जिला सेवा दल के अध्यक्ष भी इसी साल बने. वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष बनाये गये. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था. वर्ष 2008 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद लगातार दो बार वर्ष 2013 एवं 2018 में विधायक बने. यानी अब तक तीन बार टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं.
2013 से 2018 तक रहे नेता प्रतिपक्ष
वर्ष 2009-10 में छत्तीसगढ़ विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सदस्य बने, तो वर्ष 2010-11 में विशेषाधिकार समिति और नियम समिति के सदस्य बनाये गये. 2011-12 में लोक लेखा समिति और विशेषाधिकार समिति के सदस्य बने. वर्ष 2012-13 में सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति और याचिका समिति के सदस्य बनाये गये. वर्ष 2013 से 2018 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. वर्ष 2013-14 में उन्हें सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2014-15 में छत्तीसगढ़ विधानसभा की लोक लेखा समिति के सभापति बने. इसी दौरान वह कार्यमंत्रणा समिति, आचरण समिति, सामान्य प्रयोजन समिति के भी सदस्य रहे.
Also Read: डॉ रमन सिंह से सत्ता छीनने वाले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल पांच बार जीत चुके हैं विधानसभा चुनावकई समितियों के सभापति और सदस्य रहे सिंहदेव
वर्ष 2015 से 2018 तक वह कार्य मंत्रणा समिति, आचरण समिति और सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य रहे. वर्ष 2018 में एक बार फिर लोक लेखा समिति के सभापति बने. इस दौरान कार्यमंत्रणा समिति, आचरण समिति एवं सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य भी रहे. वर्ष 2018 के अंत में जब भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी, तो उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, योजना एवं आर्थिकी एवं सांख्यिकी, 20 सूत्रीय एवं वाणिज्य कर (जीएसटी) मंत्री बनाया गया. वर्ष 2019 से 2021 तक वह छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य रहे.
टीएस सिंहदेव को बनाना पड़ा डिप्टी चीफ मिनिस्टर
वर्ष 2023 में काफी खींचतान के बाद टीएस सिंहदेव को भूपेश बघेल के बाद दूसरे नंबर का ओहदा दिया गया. सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाया गया. इसके पहले ऐसा लग रहा था कि सिंहदेव कांग्रेस पार्टी से अपना कई दशक पुराना रिश्ता तोड़ सकते हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले अगर टीएस सिंहदेव पार्टी छोड़ देते, तो कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती थी. इसलिए उन्हें प्रमोट करके डिप्टी सीएम बनाया गया. हालांकि, वर्ष 2018 में ही उन्हें आश्वस्त किया गया था कि ढाई साल बाद उन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया जायेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बहरहाल, इस प्रकरण का अब पटाक्षेप हो चुका है और कांग्रेस पार्टी चुनाव के मैदान में उतरने के लिए तैयार है.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2018 में अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,26,012 वोटर मतदान के लिए पंजीकृत थे. इनमें से 1,78,749 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यानी कुल 79.09 फीसदी लोगों ने वोट डाले. इनमें से 56 फीसदी वोट टीएस सिंहदेव के पक्ष में पड़े. टीएस सिंहदेव को कुल 1,00,439 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अनुराग सिंहदेव को 34.02 फीसदी यानी 60,815 वोट प्राप्त हुए. तीसरे नंबर पर गोंगपा के गोपाल प्रसाद गुप्ता और चौथे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार तरुण कुमार भगत रहे. गोपाल प्रसाद गुप्ता को 2.49 फीसदी (4,459) और तरुण कुमार को 1.22 फीसदी (2,173) वोट प्राप्त हुए.
छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर में हो सकता है विधानसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं. नवंबर के अंत तक या दिसंबर की शुरुआत में छत्तीसगढ़ इलेक्शन 2023 करा लिए जाएंगे. दरअसल, 11 दिसंबर 2023 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसलिए इसके पहले नयी विधानसभा का गठन जरूरी है. ऐसे में चुनाव इसके पहले कराना होगा. सभी पार्टियों ने अभी से चुनाव के लिए कमर कस ली है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 21, तो बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने 9 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. कांग्रेस भी बीजेपी से निबटने के लिए तैयार है.
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