पंजाब: एमएसजी का ‘प्रसाद’ पाने के लिए डेरा में मत्था टेक रहे नेता, खंगाली जा रही प्रत्याशियों की कुंडली

मीडिया की खबरों में इस बात की चर्चा की जा रही है कि पंजाब में चुनावी महौल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए डेरा की 15 सदस्यीय समिति समर्थन पाने वाले सियासी दलों के प्रत्याशियों की कुंडली खंगालने में जुट गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2022 11:26 AM
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चंडीगढ़ : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का फरलो पर जेल से बाहर आने के बाद पंजाब की सियासी माहौल बदलना शुरू हो गया है. गुरमीत राम रहीम को हरियाणा की खट्टर सरकार की ओर से 21 दिनों के फरलो पर रिहा किया गया है. राम रहीम की रिहाई के साथ ही पंजाब के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि इससे चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है और डेरा का आशीर्वाद हासिल करने के लिए कई राजनीतिक दलों के प्रत्याशी सिरसा में जाकर डेरा के सामने मत्था टेक आए हैं. मगर, बताया यह भी जा रहा है कि राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों की कुंडली खंगालने के बाद डेरा मतदान से ठीक दो दिन पहले अपना पत्ता खोलेगा.

प्रत्याशियों की कुंडली खंगालने में जुटी 15 सदस्यीय समिति

मीडिया की खबरों में इस बात की चर्चा की जा रही है कि पंजाब में चुनावी महौल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए डेरा की 15 सदस्यीय समिति समर्थन पाने वाले सियासी दलों के प्रत्याशियों की कुंडली खंगालने में जुट गई है. सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों में बताया यह भी जा रहा है कि पंजाब में मतदान से ठीक दो दिन पहले डेरा अपने पत्ते खोलेगा और तब यह फैसला करेगा कि किस पार्टी या उम्मीदवार का समर्थन करना है. उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि इस फैसले से पहले राजनीतिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की डेरा प्रमुख के साथ बैठक होगी. संभावना यह जाहिर की जा रही है कि डेरा के राजनीतिक प्रकोष्ठ के अधिकारियों की यह बैठक गुड़गांव या एनसीआर के किसी स्थान पर की जा सकती है.

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समर्थन के लिए टकटकी लगाए हुए हैं कई दल

बताते चलें कि पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 20 फरवरी को मतदान होना है. हालांकि, यहां पर भी अन्य राज्यों के साथ 14 फरवरी को मतदान होना था, लेकिन गुरु रविदास जयंती को लेकर राजनीतिक दलों की मांग पर निर्वाचन आयोग ने मतदान की तारीख बढ़ाकर 20 फरवरी कर दिया है. अब सियासी गलियारों में रविदास जयंती और डेरा समर्थन को लेकर कयास यह लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में डेरा और दलितों का समर्थन जिस किसी दल को मिलेगा, हवा का रुख उनकी ओर मुड़ सकता है. इसीलिए ज्यादातर सियासी पार्टियां इनकी ओर टकटकी लगाकर बैठे हैं.

डेरा में मत्था टेक चुके कई नेता

मीडिया में खबर यह भी है कि डेरा प्रमुख राम रहीम की रिहाई के बाद उनका समर्थन हासिल करने के लिए पंजाब के कई दिग्गज नेता सिरसा स्थित डेरा में जाकर अपना मत्था टेक चुके हैं. बताया यह जा रहा है कि सिरसा के डेरे में अब तक पंजाब के विभिन्न पार्टियों के 50 से अधिक प्रत्याशी डेरा के सामने मत्था टेक चुके हैं. इससे पहले, बीती नौ जनवरी को डेरा ने पंजाब के सलाबतपुरा में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में भी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने अपनी हाजिरी लगाई थी.

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