Covid19: बंगाल में शव पर राजनीति, विजयवर्गीय ने CM से पूछा : अस्पतालों में रखे शव परिजनों को क्यों नहीं दिये जा रहे?

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शव पर राजनीति शुरू हो गयी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों को छिपाने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा है कि एमआर बांगुर अस्पताल में संरक्षित शवों के राज्य सरकार उनके परिजनों को क्यों नहीं सौंप रही है?

By Mithilesh Jha | April 15, 2020 1:09 PM

अजय विद्यार्थी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शव पर राजनीति शुरू हो गयी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों को छिपाने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा है कि एमआर बांगुर अस्पताल में संरक्षित शवों के राज्य सरकार उनके परिजनों को क्यों नहीं सौंप रही है?

Also Read: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर लगाया आरोप, कहा- राजभवन के साथ सहयोग नहीं कर रही है

एक के बाद एक तीन ट्वीट में श्री विजयवर्गीय ने बुधवार को लिखा कि एमआर बांगुर अस्पताल में कोलकाता के बऊबाजार थाना क्षेत्र के रहने वाले तरुण बसु, नारकेलडांगा के रहने वाले 46 साल के जमीर हुसैन, जोड़ासांकू के रहने वाले 75 साल के मुजफ्फर आलम और 57 साल के अनवर अली के शव को संरक्षित कर रखा गया है. 2 दिन पहले ही इनकी मौत हो चुकी है, लेकिन इनके शव को परिजनों को नहीं सौंपा जा रहा है.

उन्होंने लिखा है कि ऐसे में ममता बनर्जी बतायें कि शवों को उनके परिजनों को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है? क्या उनकी मौत कोरोना से हुई है? अगर हुई है, तो राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन में इसका जिक्र क्यों नहीं है? श्री विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में यह भी दावा किया है कि अस्पताल के डॉक्टर शकील ने इन सभी के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है. यह डॉक्टर कौन हैं और बिना जांच किस आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया?

Also Read: भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- लॉकडाउन का पूरी तरह से नहीं हो रहा है पालन

श्री विजयवर्गीय ने पूछा कि जिन लोगों के शव को संरक्षित किया गया है, उनके नमूने को कोरोना जांच के लिए भेजा गया था या नहीं? अगर नहीं भेजा गया था, तो क्यों नहीं भेजा गया? अगर कोरोना का संदेह है, तो जांच क्यों नहीं हुई और अगर संदेह है, तो शव को क्यों रखा गया है? श्री विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी को इसका जवाब देना होगा.

उन्होंने यह भी दावा किया कि कोलकाता के बेलगछिया की सबसे बड़ी बस्ती इलाके में पिछले 3 दिनों में 7 लोगों की मौत हो चुकी है. चार में से तीन शव इसी बस्ती के निवासियों की है. संक्रमण के लक्षण उन सभी में थे. इस पर मुख्यमंत्री खामोश क्यों हैं?

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हालांकि, सरकार आंकड़े जाहिर करने से बच रही है, लेकिन यहां हर रोज संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. मौतें भी हो रही है और कई अस्पतालों को सिर्फ इसलिए बंद करना पड़ा है क्योंकि वहां लोगों की मौत के बाद जांच रिपोर्ट आयी और पता चला कि वे कोरोना से पीड़ित थे.

Also Read: वकीलों ने बार काउंसिल से मांगी आर्थिक मदद, कलकत्ता हाइकोर्ट में 16 अप्रैल को होगी सुनवाई

पार्टी के एक और बड़े नेता अमित मालवीय ने भी ऐसे ही सवाल किये हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले 48 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है. यदि यह सच है, तो ये शव किनके हैं? ममता बनर्जी क्या छिपा रही हैं? श्री मालवीय ने ट्वीट कर कहा है कि मृतकों के परिजनों का आरोप है कि एमआर बांगुर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराये गये उनके स्वजनों के शव नहीं दिये जा रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version