कोलकाता : ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने और ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कंट्रोल करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने ट्राम लाइन का जाल बिछाने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राजनवीर सिंह कपूर ने कहा है कि कोलकाता में ज्यादा से ज्यादा ट्राम चलाने पर विचार किया जा रहा है.
श्री कपूर ने कहा कि यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक ट्राम मार्गों की योजना बनायी जा रही है. चक्रवात अम्फान के दौरान पेड़ों के उखड़कर गिरने से बहुत सारे ट्राम मार्ग और ओवरहेड वायर सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गये थे.
पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (डब्ल्यूबीटीसी) के इंजीनियरों ने ट्राम की पटरियों को बहाल करने के लिए दिन-रात काम किया है. उन्होंने कहा कि अब तक छह ट्राम मार्गों में से चार को बहाल कर दिया गया है और पांचवें को अगले सप्ताह से फिर से शुरू करने की योजना है.
डब्ल्यूबीटीसी पहले से ही शहर में 80 ट्राम ला रहा है. वर्ष के अंत तक 50 ट्राम और चलायी जायेंगी. श्री कपूर ने कहा, ‘डब्ल्यूबीटीसी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन और डीजल से चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक ट्राम मार्ग बनाने पर जोर दे रहा है.’
उन्होंने कहा कि कॉलेज स्ट्रीट-वेलिंगटन खंड में कुछ मामूली मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद अगले सप्ताह से एस्प्लेनेड और श्याम बाजार के बीच पांचवां ट्राम मार्ग शुरू होने की संभावना है. श्री कपूर ने कहा कि डब्ल्यूबीटीसी ने पहले ही चार मार्गों टॉलीगंज-बालीगंज, राजाबाजार-हावड़ा ब्रिज, गरिया हाट-एस्प्लेनेड और हावड़ा-श्याम बाजार को बहाल कर दिया है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि कोलकाता में सड़कों पर ट्राम के लिए लाइनें बिछायी गयी हैं. बस, कार और अन्य वाहनों के साथ-साथ ट्राम भी चलती है. इसे छोटे ट्रेन के रूप में देखा जा सकता है, जो अपने ट्रैक पर ही चलती है. इसके लिए बाकायदा स्टॉप बनाये गये हैं, जहां लोग चढ़ते और उतरते हैं.
बीमार और उम्रदराज लोगों में यात्रा के लिए ट्राम पहली पसंद है. बस में जिन लोगों को जी मिचलाने की समस्या होती है, वे भी ट्राम में चलना पसंद करते हैं. एक वक्त ऐसा आया था, जब कहा जा रहा था कि कोलकाता में ट्राम सेवा को बंद कर दिया जाना चाहिए, लेकिन वक्त की जरूरत के मुताबिक, अब इस सेवा को बढ़ाया जा रहा है.
Posted By : Mithilesh Jha