Pooja Singhal case: सीए सुमन के परिवार की पुश्तैनी जमीन है चार एकड़, खरीदी 20 एकड़, कहां से आये पैसे?
Pooja Singhal case: झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार सिंह के पिता 2-3 एकड़ जमीन हर साल खरीदते हैं.
Pooja Singhal case: आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल की अवैध संपत्ति पर रेड के मामले का तार सहरसा से जुड़ रहा है. उनके सीए सुमन कुमार सिंह सहरसा जिले के पतरघट के रहनेवाले हैं. देश के 52 ठिकानों पर छापेमारी के बाद अब इडी की नजर सुमन के पैतृक गांव पर भी है. सीए सुमन सिंह की गिरफ्तारी की सूचना और करोड़ों रुपये की बरामदगी की सूचना मिलते ही गांव के सभी ग्रामीण हतप्रभ हैं. उनके पिता आलीशान भवन में रहते हैं और दो महंगी गाड़ियां उनके पास हैं. वैसे स्थानीय प्रशासन के पास अब तक छापेमारी या अन्य किसी तरह की सूचना के लिए संपर्क नहीं किया गया है.
सीए सुमन कुमार सिंह के पैतृक गांव सहरसा जिले के पतरघट ओपी क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत स्थित बासा टोला स्थित वार्ड दो स्थित उसके आलीशान आवासीय परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है. गांव में उनके पिता अकेले अपने आलीशान आवासीय परिसर में रहते हैं. आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार सिंह और पवन कुमार सिंह के 71 वर्षीय पिता झारखंड स्थित हजारीबाग के सीसीएल कोल फील्ड क्लर्क ग्रेड से सेवानिवृत्त राधेश्याम सिंह उर्फ फुलेश्वर सिंह ने बताया कि हम वर्ष 2012 में कोल फील्ड से सेवानिवृत्त हुए हैं. घर पर रहकर ही खेती बाड़ी का काम देखते हैं.
उन्होंने बताया कि हमारी पत्नी फूलो देवी का निधन वर्ष 2016 में हो चुका है. दो लड़का सुमन कुमार सिंह और पवन कुमार सिंह तथा एक लड़की नीलम कुमारी उर्फ ममता सिंह है. सभी शादीशुदा व बाल-बच्चेदार हैं. वे लोग सपरिवार रांची में ही जमीन खरीदकर अपना मकान बनाकर रहते हैं. करोड़ों रुपये की राशि उनके पुत्र के आवास से बरामदगी के सवाल पर उन्होंने बताया कि सुमन व पवन के आवास में इतने रुपये कहां से आये, यह हमें जानकारी नहीं है. गांव की संपत्ति कैसे बढ़ी, इससे भी उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की. हम गांव में रहकर खेती बाड़ी का काम देखते हैं.
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गांव के लोगों के बीच चर्चा है कि सीसीएल कोल फील्ड हजारीबाग से क्लर्क ग्रेड से सेवानिवृत्त राधेश्याम सिंह उर्फ फुलेश्वर सिंह के पास सेवानिवृत्ति तक भव्य मकान और महंगी गाड़ियां नहीं थी. पिछले कुछ सालों गांव में दो महंगी गाड़ियां हो गयीं. पुश्तैनी जमीन, जो पहले चार एकड़ थी, अब बढ़ कर 20 एकड़ से अधिक हो गयी है. वैसे यह जांच का विषय है कि उनके पास सही में किसके नाम से अब कितनी जमीन हैं. उजला कलर का फर्नुचर और एक मर्सिडीज गाड़ी उनके गांव की शोभा बढ़ा रही है.
गांव वाले कहते हैं कि वे इन्हीं गाड़ियों से अपने खेत देखने जाते हैं. राधेश्याम सिंह उर्फ फुलेश्वर सिंह चार भाई हैं. पैतृक हिस्सेदारी में इन्हें चार एकड़ जमीन मिली है, जबकि अब तक लगभग 20 एकड़ से अधिक जमीन गांव में होने की बात कही जा रही है. फुलेश्वर सिंह के सभी भाई अलग-अलग रहते हैं. वे सब अब भी साधारण जिंदगी जी रहे हैं. उनलोगों के पास ना आलीशान भवन है और ना महंगी गाड़ियां.
लोगों का कहना है कि रांची सहित अन्य जगहों पर दर्जनों कंपनी के निदेशक पद पर आसीन दोनों भाई जांच के घेरे में हैं तथा ईडी की जांच से ही पूर्ण मामले का खुलासा होगा. अभी वर्तमान में आलीशान मकान के साथ लगभग 24 एकड़ जमीन के मालिक हैं. ग्रामीणों के अनुसार गांव की महंगी जमीन जो यहां किसी को भी खरीदने की हैसियत नहीं है, वैसी जमीन के मालिक हैं.
पतरघट से राजेश कुमार सिंह