Poonch Attack: शहीद चंदन कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा बिहार, गया एयरपोर्ट पर सेना के अधिकारियों ने दी सलामी

Poonch Attack: जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में बिहार के चंदन कुमार शहीद हो गए. सेना के शहीद जवान चंदन कुमार का पार्थिव शरीर बिहार पहुंचा गया है. यहां सेना के अधिकारी ने उन्हें सलामी दी है.

By Sakshi Shiva | December 25, 2023 2:37 PM

Poonch Attack: जम्मू कश्मीर के पूंछ में पिछले 21 दिसंबर को आतंकी हमला हुआ था. इसमें बिहार के नवादा के चंदन कुमार शहीद हो गए थे. इनका पार्थिव शरीर सोमवार को गया एयरपोर्ट पहुंचा. यहां से सड़क मार्ग से नवादा के लिए रवाना किया गया. फिलहाल, इनका शव नवादा पहुंच चुका है. इससे पहले शहीद को गया एयरपोर्ट पर सेना के अधिकारी व जवानों ने सलामी दी है. शहीद जवान चंदन कुमार ने 2017 में सेना में ज्वाइन किया था. 89 आर्म्ड रेजिमेंट में वह जवान थे. इसके बाद साल 2022 में इनकी शादी हुई थी. घर में पत्नी ,मां, पिता और दो भाई है. एक भाई किराना का दुकान चलाते हैं, तो वहीं दूसरा भाई प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है. होली में छुट्टी लेकर वह अपने घर नवादा आने वाले थे. शहीद जवान की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई थीं.

आखिरी दर्शन के लिए भारी संख्या में पहुंचे लोग

शहीद जवान के पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी से नवादा भेजा गया है. यहां भारी संख्या में लोगों की भीड़ है. विशेष विमान से सेना के जवान के पार्थिव शरीर को यहां लाया गया है. इसके बाद सड़क मार्ग से उनके शरीर को उनके गांव में पहुंचाया गया है. गया में अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी है. शहर में जगह – जगह श्रद्धांजलि को लेकर तैयारी हुई है. कई लोगों को शहीद के शहादद पर गर्व है. वहीं, कई दिनों से सेना के जवान का पार्थिव शरीर नहीं पहुंचा था. इस कारण स्थानीय लोग आक्रोशित भी थे. इन्होंने आक्रोशित होकर सड़क को भी जाम कर दिया था. इस कारण सड़क से आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था.

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होली पर घर आने का था वादा

शहीद चंदन की शहादद की खबर से कई लोग भावुक है. उनके गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं, शहीद की पत्नी गर्भवती है. वह लगातार शहीद के पार्थिव शरीर की मांग कर रही थी. उनका कहना था कि उनका चंदन उन्हें चाहिए. चाहे वह किसी भी हाल में हो. शहीद के गांव के आसपास के लोग भी उनके घर पहुंचे है. सभी शहीद की एक झलक पाने को बेताब है. यह लंबे समय से पार्थिव शरीर के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे. वहीं, शहीद ने होली पर अपने घर आने का वादा किया था. शहीद का यह वादा अधुरा रह गया है.

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