पुरुलिया : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने अगले छह महीने तक मुफ्त में राशन बांटने की योजना शुरू किये जाने के बाद पुरुलिया जिले के झालदा ब्लॉक में पैसे के बदले कई लोग राशन कार्ड गिरवी रख रहे हैं. जिला के अधिकारियों ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही उचित कार्रवाई की गयी और सभी राशन कार्ड उनके असली मालिकों को लौटाये गये.
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उन्होंने बताया कि झालदा ब्लॉक-1 के सरजूमातुर इलाके में दिहाड़ी मजदूरों ने पांच से 30 हजार रुपये के बदले में साहूकारों के पास अपने राशन कार्ड गिरवी रखे थे. ऐसा इस इलाके में लंबे समय से किया जा रहा था. 20 से अधिक परिवारों के राशन कार्ड साहूकारों के पास मिले.
झालदा के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) राजकुमार बिश्वास ने कहा, ‘साहूकार और राशन कार्ड गिरवी रखने वाले दिहाड़ी मजदूर दोनों ने कानून का उल्लंघ किया है. यह गैरकानूनी है. कोई सरकारी संपत्ति कैसे गिरवी रख सकता है? जैसे ही हमें इस मामले का पता चला, हमने कार्ड लेकर उनके असली मालिकों को लौटा दिये, ताकि वे राशन ले सकें.’
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श्री बिश्वास ने कहा कि साहूकारों ने हमें लिखित में दिया है कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे. गौारतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले महीने साढ़े सात करोड़ लोगों को सितंबर तक मुफ्त में राशन देने की घोषणा की थी.
उधर, भाजपा सांसद जॉन बरला ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की कि पश्चिम बंगाल सरकार सही प्रकार से लोगों में राशन का वितरण नहीं कर रही है. इसकी वजह से बहुत से गरीब भूख से पीड़ित हैं. इससे पहले श्री बरला ने आरोप लगाया था कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें घर में नजरबंद कर किया है, जिसकी वजह से वह लोगों को राहत सामग्री वितरित नहीं कर पा रहे हैं.
श्री बरला ने प्रधानमंत्री से त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि जरूरतमंद परिवारों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचायी जा सके. इस संबंध में राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि आरोप निराधार हैं और राजनीति से प्रेरित हैं.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अलीपुरद्वार से सांसद श्री बरला ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल के लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि इस संबंध में राज्य सरकार ने अभी तक आदेश जारी नहीं किया है.
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इस योजना के तहत गरीबों को अतिरिक्त पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलोग्राम दाल दी जाती है. योजना की शुरुआत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 26 मार्च को की थी.
श्री बरला ने कहा, ‘पत्र में मैंने कहा है कि राज्य खाद्य सुरक्षा योजना-दो के तहत कुछ क्षेत्रों में राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अन्न नहीं दिया जा रहा है. लोगों से इसके लिए पैसे लिये जा रहे हैं. उत्तरी बंगाल में बहुत से गरीब लोग हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं और उन्हें मुफ्त राशन नहीं दिया जा रहा है.’ आरोप का जवाब देते हुए श्री मल्लिक ने कहा कि राज्य सरकार साढ़े सात करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है.