जब कवि कुमार विश्वास ने गाया- ‘कंकर-कंकर मेरा शंकर, मैं लहर-लहर अविनाशी हूं, मैं काशी हूं’…
काशी उत्सव में कुमार विश्वास की कविताओं ने इतनी भीड़ इकट्ठा कर दी कि अब तक के सबसे ज्यादा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के कार्यक्रमों में शामिल भीड़ के नाम शो रहा. बहुत से दर्शक तो बाहर से लौट गए. ऐसा हुआ कि अंदर एक कदम भी रखने की जगह नहीं थी.
Kumar Vishwas In Varanasi: वाराणसी का रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर मंगलवार रात दर्शकों की भीड़ से भरा रहा, वजह था जाने-माने कवि कुमार विश्वास के कार्यक्रम का. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित काशी उत्सव में कुमार विश्वास की कविताओं ने इतनी भीड़ इकट्ठा कर दी कि अब तक के सबसे ज्यादा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के कार्यक्रमों में शामिल भीड़ के नाम शो रहा. बहुत से दर्शक तो बाहर से लौट गए. ऐसा हुआ कि अंदर एक कदम भी रखने की जगह नहीं थी. कुमार विश्वास के कार्यक्रम के लिए सिर्फ 1,200 लोगों के लिए स्थान निर्धारित था. लेकिन, पास वितरण तीन हजार लोगों में किया गया.
कुमार विश्वास से लयबद्ध ताल से उन्होंने ‘काशी हूं गीत’ शुरू किया तो वहां मौजूद हर शख्स झूम उठा.
‘मेरे तट पर जागे कबीर, मैं घाट भदैनी तुलसी की
युग-युग के हर जग बेटे की माता हूं मैं हुलसी सी,
वल्लभाचार्य, तैलंग, रविदास हूं रामानंद हूं मैं
मंगल है मेरा मरण-जनम, सौ जन्मों का आनंद हूं मैं,
कंकर-कंकर मेरा शंकर, मैं लहर-लहर अविनाशी हूं
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं…’काशी की अल्हड़पन और मिजाजी पर जब गोदौलिया की ठंडई से चूकता हुआ रांड़, सांड़, सीढ़ी के दर्शन तक पहुंचे गीत में भारतेंदु, प्रसाद, प्रेमचंद, बेढब बनारसी का स्मरण किया गया. काशी वासियों ने एक स्वर में ‘हर हर महादेव’ का उद्घोष करते हुए तालियों की बौछार लगा दी. कुमार विश्वास के खास कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, रोहित सिंह, अतिरिक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के साथ ही पद्मश्री पंडित राजेश्वर आचार्य, सच्चिदानंज जोशी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)