जगदल (श्यामू रजक): ममता बनर्जी के तमाम विरोध के बावजूद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच शुरू कर दी है. एनएचआरसी की टीम ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना के जगदल और भाटपाड़ा में हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की और उनके बयान लिये. इसके साथ ही बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
मानवाधिकार आयोग के सदस्यों ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया. शुक्रवार को आयोग के 2 प्रतिनिधि भाटपाड़ा, जगदल और नैहाटी के विभिन्न क्षेत्रों में हिंसा पीड़ितों के घर का दौरा किया. प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की एक टीम भी है. टीम यह पता करने की कोशिश कर रही है कि वोट के बाद हुई हिंसा की कितनी शिकायतें दर्ज की गयीं और उन शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है.
एनएचआरसी की टीम यह भी पता कर रही है कि चुनाव बाद हिंसा से कितने लोग बेघर हुए हैं. हिंसा पीड़ितों के परिवारों से आयोग के प्रतिनिधियों ने बात की है. हिंसा में जान गंवाने वाले सभी मृतकों की पोस्टमार्टम से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है.
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मानवाधिकार आयोग के सदस्यों ने जगदल थाना के अधिकारियों से भी बात की. आयोग की टीम के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि चुनाव के बाद जो कुछ भी हुआ, उसकी पूरी स्थिति की जांच की जा रही है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से भाटपाड़ा और जगदल थाने में कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. सिर्फ जगदल थाना में 27 जीडी दर्ज हुई है, जबकि भाटपाड़ा थाना में 12 जीडी दर्ज हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने हिंसा में मरने वाले अनुराग साव के माता-पिता से बातचीत की. भाटपाड़ा के रुस्तम गुमटी के चंदन साव से भी आयोग के सदस्यों ने बात की.
बैरकपुर के भाजपा महासचिव सायंतन सान्याल ने बताया कि मानवाधिकार कमीशन के प्रतिनिधियों ने डेढ़ सौ बेघर हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से विभिन्न जगहों पर मुलाकात की. बेघर हुए लोगों ने अपने साथ हुए अत्याचार की कहानी उन्हें बतायी.
श्री सान्याल ने कहा कि आमडांगा, जगदल और भाटपाड़ा में जगह-जगह सड़कों के किनारे इन भाजपा कार्यकर्ताओं ने मानवाधिकार आयोग के सदस्यों से मिलकर अपनी व्यथा सुनायी. एनएचआरसी की यह टीम उन भाजपा कार्यकर्ताओं के घर भी गयी, जिनकी हत्या हुई है और जिनके घरों को नुकसान पहुंचाया गया है.
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Posted By: Mithilesh Jha