टेस्ट के लिए, गाड़ियों को दो अलग-अलग तरह के क्रैश टेस्ट से गुजारा जाएगा. पहला टेस्ट फ्रंट-ऑफ-सेंटर क्रैश टेस्ट होगा, जिसमें कार को 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक दीवार से टकराया जाएगा. दूसरा टेस्ट साइड-ऑफ-सेंटर क्रैश टेस्ट होगा, जिसमें कार को 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक दीवार से टकराया जाएगा.
टेस्ट के परिणामों के आधार पर, गाड़ियों को एक से पांच तक स्टार रेटिंग दी जाएगी. पांच स्टार रेटिंग वाली गाड़ियां सबसे सुरक्षित होती हैं, जबकि एक स्टार रेटिंग वाली गाड़ियां सबसे कम सुरक्षित होती हैं.
BNCAP के अनुसार, इन टेस्ट का उद्देश्य भारतीय बाजार में मिलने वाली गाड़ियों की सुरक्षा को बढ़ाना है. इससे ग्राहकों को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे कौन सी गाड़ी खरीद रहे हैं और वह उनके लिए कितनी सुरक्षित है.
वर्तमान में, भारत में मिलने वाली गाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठते हैं. कई गाड़ियों में सुरक्षा उपकरणों की कमी होती है, जिससे दुर्घटनाओं में यात्रियों को गंभीर चोट लग सकती है. BNCAP के इन टेस्ट से उम्मीद है कि भारतीय बाजार में मिलने वाली गाड़ियों की सुरक्षा में सुधार होगा.
15 दिसंबर, 2023 के बाद होने वाले BNCAP के इन टेस्ट में शामिल होने वाली कुछ गाड़ियों में शामिल हैं:
मारुति सुजुकी स्विफ्ट
हुंडई i20
टाटा नेक्सॉन
महिंद्रा XUV300
किआ सेल्टोस
रेनॉल्ट क्विड
निसान मैग्नाइट
फोर्ड आईकॉन
होंडा सिटी
इन टेस्ट के परिणामों की घोषणा जनवरी 2024 में की जाएगी.
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