Loading election data...

पूर्वांचल क्षेत्र में नहीं हो रही आलू की खरीद, बड़े किसान भंडारण का चुन रहे विकल्प,किसानों को भविष्य की उम्मीद

कृषि विशेषज्ञ की माने तो उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में किसान बड़ी मात्रा में आलू की खेती करते हैं. इसलिए सरकार का अधिक ध्यान उधर रहता है. पश्चिम उत्तर प्रदेश के 7 जिलों में सरकार की तरफ से 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इस वर्ष आलू खरीदी जा रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2023 2:30 PM
an image

गोरखपुर. आलू की पैदावार अबकी बार अच्छी हो जाने से किसानों में काफी खुशी है. लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों जैसी सुविधा नहीं मिलने से गोरखपुर के छोटे किसान ओने पौने दाम पर आलू बेचने को मजबूर हो रहें हैं. वहीं बड़े किसान अपने आलू को कोल्ड स्टोरेज में रख रहें है. जिससे बाद में वह उन्हें बेचकर अच्छी कमाई कर सकें. सबसे अधिक 3300 टन आलू बड़हलगंज क्षेत्र के किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में रखा है. कोल्ड स्टोरेज में भंडारण कर रहे किसानों को उम्मीद है कि 2 माह बाद उनके आलू के अच्छे दाम मिल सकेंगे.

किसान भंडारण का चुन रहे विकल्प

जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने कहा है कि किसान आलू के दाम कम होने से परेशान ना हो. वह आलू को अपने क्षेत्र के कोल्ड स्टोरेज में भंडारण करें. किसी प्रकार की कोई असुविधा या संचालक द्वारा मना करने पर इसकी शिकायत तत्काल करें. कृषि विशेषज्ञ की माने तो उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में किसान बड़ी मात्रा में आलू की खेती करते हैं. इसलिए सरकार का अधिक ध्यान उधर रहता है. पश्चिम उत्तर प्रदेश के 7 जिलों में सरकार की तरफ से 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इस वर्ष आलू खरीदी जा रही हैं. इस वर्ष आलू की पैदावार बहुत अच्छी हुई है.

Also Read: गोरखपुरः UP बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन आज से शुरू, केंद्रों पर तैनात मजिस्ट्रेट, लाए गए 4022 परीक्षक
पूर्वांचल क्षेत्र में नहीं हो रही आलू की खरीद

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के किसानों की बात करे तो इस क्षेत्र के किसान अपने आवश्यकता अनुसार ही आलू के खेती करते हैं. कुछ किसान हैं जो आलू की खेती रोजगार के लिए करते हैं. ये किसान सरकार का ध्यान अपनी तरफ नहीं खीच पाते है. पूर्वांचल क्षेत्र के बड़े किसान जिनको आलू का व्यापार करना है वह खेतों में उत्पन्न आलू को कोल्ड स्टोरेज में भंडारण कर देते है. अप्रैल और मई के बाद जब आलू के दामों में तेजी आती हो तो वह भंडारण किए हुए आलू को बाजारों में बेचते है.

रिपोर्ट- कुमार प्रदीप,गोरखपुर

Exit mobile version