धनबाद में बिजली संकट, 600 मेगावाट की जरूरत, मिल रही मात्र 440 मेगावाट
धनबाद, जो बिजली उत्पादन में अपनी अहम भूमिका निभाता है, वहां के लोग आज भी बिजली संकट झेल रहे हैं. शहर में तीन साल में 40 प्रतिशत बिजली की मांग बढ़ी, डेढ़ लाख उपभोक्ता बढ़े, लेकिन बिजली की आपूर्ति नहीं बढ़ रही है.
धनबाद में बिजली उपभोक्ता काफी तेजी से बढ़ रहे है. उसी अनुसार साल दर साल बिजली की खपत में भी इजाफा हो रहा है. यह इस बा तसे समझा जा सकता है कि वर्तमान में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) एरिया बोर्ड अंतर्गत धनबाद व चास सर्किल में उपभोक्ताओं की संख्या पांच लाख के करीब पहुंच गयी है. जबकि, तीन सालों में बिजली की मांग में लगभग 40 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा दर्ज किया गया है. जेबीवीएनएल के अधिकारियों क अनुसार एरिया बोर्ड अंतर्गत धनबाद व चास सर्किल में लगभग पांच लाख उपभोक्ता है. इसमें धनबाद में लगभग चार लाख व चास सर्किल में उपभोक्ताओं की संख्या लगभग डेढ़ लाख के करीब है. दोनों सर्किलों में सप्लाई के लिए जेबीवीएनएल को लगभग 440 मेगावाट बिजली डीवीसी से मिलती है. जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या और बिजली की मांग के अनुसार सप्लाई नहीं है. मांग और आपूर्ति में लगभग 160 मेगावाट का अंतर होने के कारण आज भी लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है.
तीन साल में उपभोक्ता बढ़कर पांच लाख हुए
पिछले कुछ सालों में उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले तीन सालों के आंकड़ाें पर नजर डाले, तो उपभोक्ताओं की संख्या लगभग डेढ़ लाख तक बढ़ी है. वहीं बिजली की खपत में 40 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया गया है. तीन साल पहले धनबाद एरिया बोर्ड में उपभोक्ताओं की संख्या साढ़े तीन लाख थी. जबकि, बिजली की खपत लगभग 96 मेगावाट बढ़ी है. मांग ज्यादा होने से वर्तमान में डीवीसी से सप्लाई के लिए मिलने वाली 440 मेगावाट बिजली भी कम पड़ रही है. जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार मांग के अनुसार धनबाद में वर्तमान में करीब 550 से 600 मेगावाट बिजली की जरूरत है.
अब, दूसरे स्रोत से बिजली लेने की कवायद
इधर, बिजली की मांग में लगातार हो रही इजाफा को देखते हुए जेबीवीएनएल ने दूसरे विकल्प तलाशने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए धनबाद को चंदनकियारी नेशनल ग्रिड से जोड़ा गया है. ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. चंदनकियारी नेशनल ग्रिड को एनटीपीसी से बिजली मिलेगी. इसमें से लगभग 50 से 60 मेगावाट बिजली धनबाद में सप्लाई के लिए लेने की तैयारी है. चंदनकियारी ग्रेड से बिजली मिलने से धनबाद के पास दूसरा विकल्प तैयार हो जायेगा.
यह भी जानें : आज भी मुख्य बिजली सप्लायर है डीवीसी
जेबीवीएनएल एरिया बोर्ड अंतर्गत धनबाद और चास सर्किल में डीवीसी की बिजली सप्लाई होती है. धनबाद सर्कल में डीवीसी की ओर से सप्लाई के लिए 210 से 240 मेगावाट बिजली प्रदान की जाती है. वहीं चास सर्किल में सप्लाई के लिए 180 से 200 मेगावाट बिजली डीवीसी देती है. हाल के दिनों में धनबाद सर्किल के पास कांड्रा ग्रिड दूसरा विकल्प के रूप में उभरा है. कांड्रा ग्रिड से धनबाद को 40 से 60 मेगावाट बिजली मिल रही है. जबकि, चास सर्किल अब भी डीवीसी से मिलने वाली बिजली पर पूरी तरह निर्भर है. ऐसे में बकाया की मांग को लेकर डीवीसी द्वारा कटौती किए जाने का सबसे ज्यादा असर एरिया बोर्ड के चास सर्किल पर ही पड़ता है.
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