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धनबाद में भीषण बिजली संकट से उद्योग-धंधे, कारोबार प्रभावित, लोग परेशान

धनबाद में बिजली कटौती का कोई समय निर्धारित नहीं है. सुबह होते ही बिजली कटने का सिलसिला शुरू हो जा रहा है. दिन चढ़ते ही कटौती के वक्त में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. दिन के 11 बजे से लेकर दोपहर तीन व शाम के छह बजे से लेकर देर रात तक सबसे ज्यादा कटौती हो रही है.

धनबाद शहर में बिजली संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 10 दिनों से घंटों अघोषित बिजली कटौती से उद्योग जगत और कारोबार के साथ-साथ आम जनता परेशान है. सबसे ज्यादा दिक्कत जीवन रक्षक दवा रखने वाले दुकानदारों व कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों को है. उनकी निर्भरता जेनसेट पर बढ़ गयी है. इससे उनका बजट प्रभावित हो रहा है, तो दूसरी ओर जेनरेटर के शोर व प्रदूषण से अलग परेशानी है.

बता दें कि धनबाद के शहरी क्षेत्र में कुछ दिनों से लगभग 14 घंटे व ग्रामीण इलाकों में करीब 16 घंटे बिजली कटौती की जा रही है. खासकर झरिया, टुंडी, गोविंदपुर, बरवाअड्डा व निरसा क्षेत्र में बिजली कटौती की स्थिति भयावह है. इन इलाकों में कुछ दिन पूर्व आंधी-बारिश में बिजली के उपकरणों में आई खराबी को अबतक दुरुस्त नहीं किया जा सका है. वही गर्मी में लोड में अत्यधिक इजाफा के कारण भी जेबीवीएनएल की ओर से पूरे जिले में बिजली कटौती की जा रही है.

सुबह से शुरू हो रही कटौती

शहर में बिजली कटौती का कोई समय निर्धारित नहीं है. सुबह होते ही बिजली कटने का सिलसिला शुरू हो जा रहा है. दिन चढ़ते ही कटौती के वक्त में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. दिन के 11 बजे से लेकर दोपहर तीन व शाम के छह बजे से लेकर देर रात तक सबसे ज्यादा कटौती हो रही है. इस बीच लोड बढ़ने पर लाइन ट्रिप करने की समस्या उत्पन्न होने से भी लोगों को कटौती का सामना करना पड़ रहा है. जेबीवीएनएल के रिकॉर्ड के अनुसार एरिया बोर्ड धनबाद व चास सर्किल में सप्लाई के लिए आम दिनों में 210 से 230 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. यह बिजली डीवीसी से मिलती है. हाल के दिनों में गर्मी में लोड बढ़ने से खपत में लगभग 60 से 70 मेगावाट का इजाफा दर्ज किया जा रहा है.

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असर व्यवसाय जगत पर, कारोबार प्रभावित

बिजली कटौती का सबसे ज्यादा खामियाजा उद्योग, विभिन्न प्रतिष्ठान चलाने वाले व्यापारी और छोटे दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है. उद्योग चलाने के लिए दिन में बिजली की सबसे ज्यादा आवश्यकता है. नहीं मिलने से उनके प्रोडक्शन में गिरावट दर्ज की जा रही है. इस संबंध में व्यापारियों ने जेबीवीएनएल व धनबाद एरिया बोर्ड के जीएम को जानकारी दी है और उनसे मदद की गुहार लगायी है.

जितना बिल उससे ज्यादा डीजल पर खर्च कर रहे अस्पताल

नावाडीह स्थित एक अस्पताल में मासिक बिजली बिल 5-6 लाख रुपये आता है. वर्तमान में जारी बिजली संकट के कारण प्रबंधन को जेनसेट में डीजल के रूप में इससे ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार एक से 21 मई तक जेनसेट में डीजल के रूप में छह लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया गया.

मांग के बावजूद डीवीसी से नहीं मिली अतिरिक्त बिजली

जिले में ओवरलोड को लेकर उत्पन्न बिजली समस्या को लेकर अप्रैल व मई माह में जेबीवीएनएल ने डीवीसी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस दौरान समस्या से निबटने के लिए जेबीवीएनएल ने डीवीसी से अतिरिक्त बिजली मुहैया कराने की मांग की थी. लगभग 40-50 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने का आग्रह डीवीसी से किया गया था. जेबीवीएनएल के इस मांग को डीवीसी द्वारा अबतक पूरा नहीं किया गया है.

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बुधवार की रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक बिजली कटौती

  • सबस्टेशन : कटौती

  • हीरापुर : 6.15 घंटे

  • सरायढेला : 5.58 घंटे

  • आमाघाटा : 9.12 घंटे

  • बरवाअड्डा : 8.17 घंटे

  • जोड़ाफाटक : 7.26 घंटे

  • बरमसिया बच्चा जेल : 7.13 घंटे

  • धैया : 5.30 घंटे

  • हाउसिंग कॉलोनी : 5.12 घंटे

  • पॉलिटेक्निक : 7.44 घंटे

  • नवाडीह : 7.05 घंटे

  • गोधर : 5.29 घंटे

  • गोविंदपुर : 7. 46 घंटे

  • भूली : 7. 12 घंटे

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