प्रभात खबर 40 वर्ष : निडरता से की जनसरोकार की पत्रकारिता
प्रभात खबर आज अपनी स्थापना के 40वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. 14 अगस्त, 1984 को रांची से ही प्रभात खबर ने अपनी यात्रा आरंभ की थी. इस यात्रा में प्रभात खबर को अपने पाठकों से अपार स्नेह मिला है. इस दौरान देश-दुनिया में अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं. ऐसी ही कुछ घटनाओं का यहां उल्लेख किया जा रहा है.
प्रभात खबर आज स्थापना के 40वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. 14 अगस्त, 1984 को प्रभात खबर ने रांची से अपने सफर की शुरुआत की थी. लेकिन कुछ ही समय में प्रभात खबर ने राष्ट्रीय फलक पर अपनी जगह बना ली. आज प्रभात खबर आठ स्थानों- रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और कोलकाता से एक साथ प्रकाशित होता है. 2019 के इंडियन रीडरशिप सर्वे के मुताबिक प्रभात खबर के पाठकों की संख्या 1.16 करोड़ है और केवल तीन राज्यों से प्रकाशित होने के बावजूद देश के शीर्ष हिंदी अखबारों में प्रभात खबर सातवें स्थान पर है. प्रभात खबर हमेशा सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रतिबद्ध रहा है. हमारा सूत्र वाक्य है- अखबार नहीं आंदोलन. यह यूं ही नहीं है. इसका एक पूरा इतिहास है.
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद निकाला गया अंक
1990 में बिहार विधानसभा चुनाव के बाद लालू यादव ने पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
1990 में रथयात्रा के दौरान भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद सरकार संकट में आ गयी.
https://fb.watch/mpmb4HlVoX/?mibextid=RUbZ1f1990 मे़ नेल्सन मंडेला की रिहाई पर निकाला गया अंक
1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद निकाला गया अंक
झारखंड आंदोलन के दौरान 1992 में आंदोलनकारियों ने रांची एयरपोर्ट को कब्जे में ले लिया था.
झारखंड अलग राज्य बनने के पहले 1995 में झारखंड क्षेत्र स्वशासी परिषद का गठन किया गया.
https://fb.watch/mpmcnLC8Ti/?mibextid=RUbZ1f1998 में भारत ने तीन परमाणु विस्फोट कर भारत को अपनी ताकत दिखाई. उस वक्त निकाला गया प्रभात खबर का यह खास अंक.
2000 में झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ और बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बने.
2001 में आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया.
2012 में नक्सलियों द्वारा अपहृत बीडीओ को प्रभात खबर के प्रयास से रिहा कराया गया
प्रभात खबर ने 2012 में पूर्व राष्ट्रपति डाॅ अब्दुल कलाम को अतिथि संपादक बनाया.
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