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प्रभात खबर परिचर्चा कार्यक्रम : हजारीबाग में Advocates ने की झारखंड हाईकोर्ट के सर्किट बेंच खोलने की मांग

हजारीबाग के बार भवन के लाइब्रेरी कक्ष में प्रभात खबर परिचर्चा कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के सर्किट बेंच खोलने की मांग की. साथ ही सुरक्षा और उनकी मांगाें पर विशेष तौर पर ध्यान देने की मांग हेमंत सरकार से की है.

By Samir Ranjan | December 8, 2022 9:17 PM
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हजारीबाग के बार भवन में प्रभात खबर परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित

प्रभात खबर का परिचर्चा कार्यक्रम गुरुवार को हजारीबाग के बार भवन पुस्तकालय कक्ष में आयोजित हुआ. हजारीबाग बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सह झारखंड बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता राजकुमार राजू ने कहा कि डॉक्टर जिस तरह से लोगों की जान बचाते हैं, अधिवक्ता लोगों के सम्मान को बचाने का काम करती है. लोग जान बचाने के लिए धन दौलत लुटा देते हैं, लेकिन सम्मान बचाने के लिए जान तक दे देते हैं. अधिवक्ताओं की अहमियत समाज, सरकार को इससे समझना चाहिए.

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अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में हो

उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के समक्ष हजारीबाग जिला स्तर और झारखंड राज्य स्तर पर अलग-अलग समस्याएं हैं. 2018 में अधिवक्ता सुरक्षा कानून प्रारूप राज्य सरकार को सौंपा गया है, लेकिन सरकार स्तर पर इस पर पहल अभी तक नहीं हुआ है. आयुष्मान योजना की तरह अधिवक्ताओं को स्वास्थ्य सुविधा दिया जाए. पूर्व में अधिवक्ताओं के बीच से अतिरिक्त लोक अभियोजक और लोक अभियोजक नियुक्ति होती थी. इसे 2008 में रोक दिया गया. इसे सरकार दोबारा लागू करे. राज्य सरकार अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए पांच सौ करोड़ रुपये बजट में प्रावधान करे.

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चार मंजिला भवन निर्माण की मांग

श्री राजू ने कहा कि इसी तरह जिला स्तर पर अधिवक्ता संघ भवन के बगल में जो परिसर खाली हैं वहां पर चार मंजिला भवन का निर्माण कराया जाए. इसके लिए डीएमएफटी फंड का इस्तेमाल हो. इस भवन में पार्किंग, अधिवक्ताओं के बैठने, अधिवक्ता, लिपिक, स्टाफ भेंडर और न्यायिक कार्य के लिए जिले भर से आये लोगों के परिजनों को बैठने की व्यवस्था हो. एसडीओ कोर्ट पुराने भवन में संचालित किया जाय. हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में वर्तमान में दो लोक लोक अभियोजक 10 कोर्ट के कार्यों को देख रहे हैं. जिससे काफी परेशानी हो रही है. लोक अभियोजक की नियुक्ति अधिवक्ता वर्ग से शीघ्र की जाय.

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हजारीबाग में हाईकोर्ट का सर्किट बेंच खुले

बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता सुमन कुमार सिंह ने कहा कि प्रभात खबर अधिवक्ताओं की आवाज बनकर सरकार जिला प्रशासन और जन-जन तक हमारी बातों को पहुंचाएं. हजारीबाग के बार भवन 1878 का है. बिहार से झारखंड बनने तक कई बार हजारीबाग कोर्ट को काट-काटकर नये जिलों में बांट दिया गया है. इससे अधिवक्ताओं की परेशानी बढ़ी है. सरकार से मांग है कि हाईकोर्ट का सर्किट बेंच खोला जाए. कमिश्नरी कोर्ट को यह सम्मान मिलना चाहिए. अधिवक्ताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए बार भवन के विस्तार के लिए जिला प्रशासन अन्य भवन उपलब्ध कराये. जो सरकारी भवन उपयोग में नहीं है वे हजारीबाग बार को दिया जाय.

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अन्य अधिवक्ताओं ने भी रखे अपने विचार

अधिवक्ता कौलेश्वर कुशवाहा ने कहा कि न्यायिक कार्यों में तेजी लाने के लिए बेल संबंधी मामलों पर सुनवाई का हाईकोर्ट बेंच हजारीबाग में खोला जाय. अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए सरकार विशेष गाइडलाइन जारी करे. अधिवक्ता मृत्युंजय उपाध्याय ने कहा कि असाध्य लोगों के इलाज के लिए अधिवक्ता को सरकार के स्तर पर पांच लाख रूपये देने का प्रावधान किया जाय.

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अधिवक्ता की सुरक्षा के लिए सरकार जारी करे विशेष गाइडलाइन

अधिवक्ता कौलेश्वर कुशवाहा ने कहा कि न्यायिक कार्यों में तेजी लाने के लिए बेल संबंधी मामलों पर सुनवाई का हाईकोर्ट बेंच हजारीबाग में खोला जाय. अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए सरकार विशेष गाइडलाइन जारी करे. अधिवक्ता मृत्युंजय उपाध्याय ने कहा कि असाध्य लोगों के इलाज के लिए अधिवक्ता को सरकार के स्तर पर पांच लाख रूपये देने का प्रावधान किया जाए़

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अधिवक्ताओं को मिले मौलिक सुविधाएं

अधिवक्ता रीना वर्मा ने कहा कि विभिन्न टॉल प्जाला में अधिवक्ताओं को टैक्स शुल्क में रियायत दी जाए. वहीं, हॉस्पिटल और थाना किसी कार्य से जाने पर अधिवक्ताओं को अलग से सुविधाएं मुहैया करायी जाए. कार्यकारिणी सदस्य अधिवक्ता कुणाल कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से टिकट और कोर्ट फी बढ़ाया गया है. इससे अधिवक्ताओं को परेशानी हो रही है. अधिवक्ता कमाल अमरोही ने कहा कि सरकार अगर अधिवक्ताओं को सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी, तो संवैधानिक ढांचे का रक्षा कौन करेगा. अधिवक्ता ओसिता तिर्की ने कहा कि अधिवक्ता मानव अधिकार की रक्षा करता है. अधिवक्ताओं को मौलिक सुविधाएं मुहैया नहीं कराया गया, तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे.

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पुलिस प्रशासन अधिवक्ताओं को दें सम्मान

अधिवक्ता पूनम गुप्ता ने कहा कि जब अधिवक्ता सुरक्षित रहेंगे, तभी वो दूसरों की सुरक्षा की वकालत कर सकते हैं. इसलिए पुलिस प्रशासन अधिवक्ताओं की सुरक्षा और थाना में सम्मान देने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी करे. अधिवक्ता रमेश सिंह ने कहा कि प्रभात खबर का यह आयोजन अधिवक्ताओं की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने में मदद करेगी.

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अधिवक्ताओं ने इन मांगों पर दिया जोर

– हजारीबाग में हाईकोर्ट का सर्किट बेंच खोला जाए
– अधिवक्ताओं के बीच से एपीपी और पीपीपी की बहाली की जाए
– हजारीबाग बार भवन के आसपास की सरकारी जमीन पर चार तल्ला भवन डीएफएफटी फंड से बनाया जाए
– हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में 10 कोर्ट में मात्र दो लोक अभियोजक कार्यरत हैं. नये लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए
– आयुष्मान की तरह अधिवक्ताओं को भी स्वास्थ्य सुविधा के लिए पांच लाख दिया जाए
– सरकारी अस्पताल, थाना में अधिवक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार अधिकारी करे
– टोल प्लाजा में अधिवक्ताओं को टैक्स में रियायत दिया जाए
– अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार 500 करोड़ का बजट बनाएं.

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सरकार तक पहुंचे अधिवक्ताओं की मांग

परिचर्चा कार्यक्रम में कई अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचानी की बात कही. इसमें बार के पूर्व अध्यक्ष मिथलेश कुमार मन्ने, अधिवक्ता संजय कुमार, अनुज कुमार राय, मो मोअजम, संतोष कुमार ठाकुर, अनिल कुमार कच्छप, रजनीकांत सिन्हा, निखिल ठाकुर, बैजनाथ मिश्रा, कुमारी पूनम, विकास कुमार, दिलीप कुमार सिन्हा, रविकांत सिन्हा, ज्योति कुमार, बबलू कुमार, सुशील कुमार, पूजा कुमारी, नेहा कुमारी, दिगंबर महतो, प्रमोद कुमार पाठक, राजीव रंजन जयपुरियार, शिवदत पांडेय, मनोरंजन कुमार राय, भरत कुमार, अजय कुमार मिश्रा, वीरेंद्र तिवारी, वारिश अली, एकराम खान, रंजन कुमार, सुनील ठाकुर, फनी कुमार यादव, कलीदास पांडेय, शैलेंद्र कुमार, केबी प्रसाद समेत अधिवक्ताओं ने अपनी राय रखे. परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता हजारीबाग बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सह झारखंड बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता राजकुमार राजू ने किया. वहीं, बार एसोसिएशन के सचिव वरिष्ठ अधिवक्ता सुमन कुमार सिंह ने संचालन किया.

रिपोर्ट : जमालउद्दीन, हजारीबाग.

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