प्रभात खबर स्थापना दिवस: धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में क्या है खास, जानें विस्तार से
प्रभात खबर का धनबाद संस्करण आज अपना 23 वां स्थापना दिवस मना रहा है. प्रभात खबर के आग बढ़ने का सबसे ज्यादा श्रेय पाठकों को जाता है जिन्होंने कई विकल्प होने के बावजूद प्रभात खबर के साथ ही अपना स्नेह रखा है
प्रभात खबर का धनबाद यूनिट आज अपना 23 वां स्थापना दिवस मना रहा है. प्रभात खबर के आग बढ़ने का सबसे ज्यादा श्रेय पाठकों को जाता है जिन्होंने कई विकल्प होने के बावजूद प्रभात खबर के साथ ही अपना स्नेह रखा है. इस दौरान प्रभात खबर ने धनबाद में हुए बदलाव को बेहद करीब से देखा है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि बोकारो गिरिडीह और धनबाद जिले में क्या खास है
जलते रहें, हम साथ चलते रहें
धनबाद शहर का बैंकमोड़ इलाका शाम ढलते ही कुछ-कुछ आकाशगंगा की तरह दिखने लगता है. 360 डिग्री का यह ग्लोब फोटो लगभग 250 फीट की ऊंचाई से ड्रोन कैमरे से हमारे छायाकार प्रतीक पोपट ने खींचा है. इसमें रंग-बिरंगी रोशनी से नहायी सड़कें किसी सर्पिल सीढ़ी की तरह दिखायी देती हैं.
धनबाद स्थापना 24.10.1956
32,63,262 अनुमानित जनसंख्या
17,09,308 पुरुष
15,54,182 महिला
प्रमुख संस्थान
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल)
केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर)
आइआइटी आइएसएम
बीआइटी सिंदरी
हर्ल सिंदरी
सीएमपीएफ
डीजीएमएस
धनबाद रेल मंडल
गिरिडीह स्थापना 24.10.1956
24,45,203 अनुमानित जनसंख्या
12,58,098 पुरुष
11,87,376 महिला
प्रमुख खनिज अभ्रक (माइका), कोयला, शॉपस्टोन, क्वार्ट्ज, फील्सफॉर, चूना-पत्थर, बालू
प्रमुख उद्योग
लौह उद्योग और माइका आधारित
प्रमुख संस्थान
एनएसएसओ और आइएसआइ
गिरिडीह लौह मंडी खासकर छड़ उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है. वैसे माइका, पत्थर, प्राकृतिक औषधि, कोयला और पर्यटन के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं हैं. माइका उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए वन संरक्षण अधिनियम 1980 का विकल्प और उसके उपाय ढूंढने होंगे, क्योंकि माइका उद्योग से सिर्फ गिरिडीह ही नहीं, बल्कि इस जिले से सटे हजारीबाग व कोडरमा जिला में भी रौनक लौट सकती है.
स्थापना 01.04.1991
20,62,330 अनुमानित जनसंख्या
10,72,802 पुरुष
9,89,523 महिलाएं
प्रमुख संस्थान
बोकारो स्टील प्लांट
सीसीएल
डीवीसी
मीथेन गैस प्रोजक्ट
इलेक्ट्रोस्टील वेदांता
डालमिया सीमेंट
एशिया का प्रसिद्ध स्टील प्लांट समेत कोयले की खदान, विद्युत उत्पादन केंद्र, मीथेन गैस भंडार और खान-खनिजों के कारण बोकारो ने दुनिया भर में पहचान बना ली है. बीएसएल की योजना 2030 तक उत्पादन क्षमता 10 मिलियन बढ़ाने की है. इसमें 25000 करोड़ निवेश का अनुमान है. अगर ऐसा होता है, तो बोकारो फिर से प्रगति की राह पर चल पड़ेगा.
Posted By: Sameer Oraon