Prabhat Khabar Impact: कोडरमा में Minority Scholarship Scam में केस दर्ज, जानें पूरा मामला
कोडरमा में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में दस स्कूलों के साथ जिम्मेवार कर्मियों पर FIR दर्ज हुआ है. जांच रिपोर्ट के बाद डीसी के आदेश पर मामला दर्ज हुआ है. फर्जी छात्रों का एडमिशन दिखाकर करोड़ों की राशि गबन करने के मामले को प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद अधिकारी रेस हुए.
Prabhat Khabar Impact: कल्याण विभाग (Welfare Department) द्वारा जिले में प्री मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले (Pre Matric Minority Scholarship Scam) के आरोप में 10 विद्यालयों को आरोपी बनाते हुए प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी नीली सरोज कुजूर ने कोडरमा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में इन 10 स्कूलों के प्राचार्य/प्रधानाध्यापकों के अलावा जिला कल्याण कार्यालय के सेवानिवृत्त क्लर्क मो मोबिन, क्लर्क प्रमोद कुमार मुंडा और कंप्यूटर ऑपरेटर मो हैदर को भी आरोपी बनाया गया है. प्रभात खबर ने इस घोटाले को प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ.
क्लास एक से 10 के विद्यार्थियों को दिया जाता है छात्रवृत्ति
प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति प्री-मैट्रिक भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाता है. इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के क्लास एक से दस के छात्र-छात्राओं के बीच छात्रवृत्ति का वितरण किया जाता है. उक्त छात्रवृत्ति के लिए राज्य स्तर से अनुमोदन किया जाता है. छात्रवृत्ति के लिए संबंधित स्कूलों के यूजर आईडी से जिला कल्याण कार्यालय में भेजा जाता है जिसे कार्यालय से सत्यापन करते हुए पुनः विभाग को भेज दिया जाता है. इसके बाद कल्याण विभाग, झारखंड सरकार द्वारा संबंधित छात्रों का राशि निर्धारित करते हुए छात्रवृत्ति भुगतान किया जाता है.
डीसी के निर्देश पर हुई जांच
वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में 10 स्कूलों में नामांकित फर्जी छात्रों के नाम पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति राशि के वितरण में अनियमितता बरती गई है. मामला प्रकाश में आने के बाद डीसी के निर्देश पर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराई गई. इसमें संबंधित स्कूलों में नामांकित फर्जी छात्रों के नाम पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति राशि के वितरण में अनियमितता बरतने का मामला सत्य पाया गया.
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इन स्कूलों पर एक करोड़ 50 लाख रुपये घोटाले का है आरोप
प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में करीब डेढ़ करोड़ छात्रवृत्ति की राशि के गबन का आरोप है. इसमें वित्तीय वर्ष 2017-18 में ब्राइट हॉप पब्लिक स्कूल चतरा छात्र संख्या 102 हस्तांतरित राशि 10,81,400, उर्दू मिडिल स्कूल दारिकलां हजारीबाग छात्र संख्या 124 हस्तांतरित राशि 13,16,800, उर्दू मिडिल स्कूल हरिणा हजारीबाग छात्र संख्या 269 हस्तांतरित राशि 28,50,000, उर्दू मिडल स्कूल पेलावल हजारीबाग छात्र संख्या 243 हस्तांतरित राशि 25,99,700, वितीय वर्ष 2018-19 में चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल असनाबाद झुमरीतिलैया छात्र संख्या 144 हस्तांतरित राशि 15,35,800, किड्ज स्कूल बहेरवाटांड कोडरमा छात्र संख्या 150, हस्तांतरित राशि 15,60,300, स्वामी विवेकानंद विद्यासागर गिरिडीह छात्र संख्या 114 हस्तांतरित राशि 11,51,900, वितीय वर्ष 2019-20 में मदरसा रशीदिया करमा कोडरमा छात्र संख्या 97 हस्तांतरित राशि 10,37,900, एनपीएस फुटलहिया मरकच्चो छात्र संख्या 90 हस्तांतरित राशि 9,23,350, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चंदवारा छात्र संख्या 100 हस्तांतरित राशि 10,25,600 के गबन का आरोप है. जांच के क्रम में टीम ने पाया था कि इनमें से कुछ स्कूलों के नाम फर्जी हैं और वे कहीं संचालित भी नहीं हो रहे हैं. बावजूद छात्रों को अध्ययनरत दिखाकर छात्रवृत्ति का भुगतान दिखाया गया है.
सितंबर माह में ही डीसी ने दिया था FIR का आदेश
बताया जाता है कि छात्रवृत्ति घोटाले के इस मामले में जांच रिपोर्ट पूरी तरह सामने आने के बाद डीसी आदित्य रंजन ने संबंधित पदाधिकारी को सितंबर 2022 में ही दस विद्यालयों के साथ जिम्मेवार कर्मियों पर एफआईआर करने का आदेश दिया था. साथ ही अन्य पर विभागीय कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया था. एफआईआर करने का आदेश देने के करीब तीन माह बाद अब जाकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
रिपोर्ट : गौतम राणा. कोडरमा.