Loading election data...

प्रभात खबर इंपैक्ट : ग्रामीणों के कहने पर मृत घोषित कर दिया था हुरो को, उपायुक्त ने कार्रवाई का दिया आदेश

हुरो हजाम को मृत बताया गया. ग्राम पंचायत की रिपोर्ट के आधार पर हुरो हजाम को मृतकों की सूची में डालकर आगे रिपोर्ट भेज दी गयी. इस कारण उसकी पेंशन रुक गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 4, 2023 8:58 AM
an image

बेंगाबाद, अशोक शर्मा : जीवित दिव्यांग वृद्ध को मृत घोषित कर तीन साल से पेंशन रोके जाने की खबर प्रभात खबर के 03 अगस्त के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में आ गये हैं. गुरुवार की दोपहर सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक कौशिक अप्पू, बेंगाबाद बीडीओ मो कयूम अंसारी व प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी मुजफ्फर अली जांच के लिए छोटकी खरगडीहा गांव स्थित हुरो हजाम के घर पहुंचे. अधिकारियों ने हुरो को छह हजार रुपये व 30 किलो अनाज उपलब्ध कराया. उनके सामने पंचायत सचिव हरिहर महथा और तत्कालीन मुखिया महेंद्र प्रसाद वर्मा से पूछताछ की.

पूछा- जब हुरो हजाम जीवित है, तो किस परिस्थिति में उसे मृत घोषित किया गया. जानकारी मिली कि प्रत्येक छह माह में मुखिया, पंचायत सचिव व एक पर्यवेक्षक की मौजूदगी में लाभुकों का भौतिक सत्यापन किया जाता है. जब सत्यापन का काम हुआ, उस समय हुरो हजाम की पत्नी विजया देवी की मौत हो चुकी थी. सत्यापन का काम कर रहे कर्मियों को किसी ग्रामीण ने हुरो हजाम को भी मृत बता दिया. इसके बाद प्रखंड को जो जांच रिपोर्ट भेजी गयी, उसमें हुरो हजाम को मृत बताया गया. ग्राम पंचायत की रिपोर्ट के आधार पर हुरो हजाम को मृतकों की सूची में डालकर आगे रिपोर्ट भेज दी गयी. इस कारण उसकी पेंशन रुक गयी.

प्रभात खबर का जताया आभार

प्रभात खबर में समाचार छपने पर अधिकारियों की टीम हुरो के घर पहुंची और मदद पहुंचायी. इस पर हुरो हजाम व उसके परिजनों में हर्ष का माहौल है. सभी ने प्रभात खबर की इस पहल के लिए आभार जताया. कहा कि प्रभात खबर के कारण ही वे आज अधिकारियों के साथ कुर्सी पर बैठ पा रहे हैं.

Also Read: पत्नी की हुई मौत, तो पति को भी किया मृत घोषित, खुद को जिंदा साबित करने के लिए दौड़ रहे 70 वर्षीय दिव्यांग

पहले भी किया जा चुका है शोकॉज

बीडीओ मो कयूम अंसारी ने कहा कि वास्तव में हुरो की स्थिति ठीक नहीं है. उसकी देखभाल पुत्री व दामाद कर रहे हैं. हालांकि उसे पीएम आवास, शौचालय व राशन कार्ड से अनाज व अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. हुरो हजाम जीवित रहते हुए भी आंकड़े में मृत हो गये और उनकी पेंशन बंद हो गयी. बंद पेंशन चालू करने के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पंचायत सचिव को शोकॉज किया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इस कारण अग्रतर कार्रवाई नहीं हो पायी और पोर्टल से हटे नाम को जोड़ा नहीं जा सका. अब स्पष्टीकरण किया गया है, जिसमें मानवीय भूल की बात कही गयी है.

डीसी ने कर्मियों व अधिकारियों को दी चेतावनी

डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने मामला संज्ञान में आते ही त्वरित कार्यवाही करते हुए दो साल की बकाया रकम के साथ पेंशन की स्वीकृति दे दी गयी है. उन्होंने मामले में लापरवाह कर्मियों व अधिकारियों को चिह्नित करने के साथ ही सख्त कार्रवाई का भी निर्देश दिया है. डीसी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बेंगाबाद में हुरो हजाम की तरह ही पूर्व में तिसरी में एक वृद्ध महिला के साथ ऐसी घटना घटी थी. श्री लकड़ा ने कहा कि हुरो हजाम के मामले में संबंधित कर्मियों व अधिकारियों को स्पष्टीकरण किया गया है. स्पष्टीकरण का जवाब मिलने के बाद दोषी लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने जिले भर के कर्मियों व अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, अन्यथा दोषी लोग कठोर दंड के भागी होंगे. डीसी ने कहा कि हुरो हजाम की वास्तविक स्थिति जानने के लिए अधिकारियों की एक टीम उनके घर पर भेजी गयी थी. राहत उपलब्ध करायी गयी है.

Exit mobile version