सावधान! बहरागोड़ा से महुलिया फोरलेन पर जरा संभलकर चलें, अब तक 100 से अधिक हो चुकी है मौत, जानें कारण

पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा से महुलिया फोरलेन पर चलना संभलकर है. एनएच चौड़ीकरण के बाद डेढ़ साल के अंदर 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. कारण है इस फोरलेन के कई चौक-चौराहे पर कट है. इसके कारण दुर्घटना होती रहती है. वहीं, NH पर अंडरपास या फ्लाइओवर नहीं बनने से आवागमन में भी दिक्कत हो रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2022 4:28 PM

Prabhat Khabar Special: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बहरागोड़ा से महुलिया (71 किमी) तक नेशनल हाई-वे (National Highway) फोरलेन बनने से एक तरफ सुविधाएं मिल रही हैं, वहीं योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करने के कारण सड़क जानलेवा बन गयी है. फोरलेन पर कई फ्लाइओवर एवं अंडरपास बने हैं, लेकिन कई चौक-चौराहों पर कट छोड़ने से डेढ़ साल में 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI) की लापरवाही जानलेवा बन गयी है.

चौक-चौराहों पर कट छोड़ने से बढ़ी परेशानी

दरअसल, हाइ-वे पर अक्सर चालक वाहन की रफ्तार बढ़ा देते हैं, जिससे कई बार तय मानक पीछे छूट जाते हैं. ऐसे में हाइ-वे पर अधूरे इंतजाम भारी पड़ रहे हैं. एनएच पर कट और रात के समय रोशनी की व्यवस्था नहीं होना हादसे का कारण बन रहे हैं. हालांकि, सांसद विद्युत वरण महतो एवं विधायक की पहल पर NHAI की टीम ने पिछले दिनों फूलडुंगरी और बहरागोड़ा के कट स्थल समेत कई जगहों को दुर्घटना जोन घोषित करने को कहा था. वहीं, फूलडुंगरी और बहरागोड़ा के कालिडिंगा चौक के पास अंडरपास या फ्लाइओवर निर्माण को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को अनुमोदन भेजा है.

अनुमंडल अस्पताल के पास सर्वाधिक मौत

NH पर सबसे अधिक जान घाटशिला में अनुमंडल अस्पताल के पास गयी हैं. यहां कट बनाकर छोड़ने से करीब 40 लोगों की मौत हुई है. वहीं बहरागोड़ा चौक के पास एक दर्जन लोगों की जान गयी है. काफी हंगामा के बाद यहां कट बंद किया गया. इसके कारण बहरागोड़ा के लोगों को काफी दूर से घूमकर आना पड़ता है. बरसोल व जगन्नाथपुर में अंडरपास नहीं से आधे दर्जन लोग जान गंवा चुके हैं.

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NHAI की खामियों का दंश झेल रहे लोग

बहरागोड़ा के लोगों का कहना है कि एनएचएआइ की खामियों का खामियाजा हम भुगत रहे हैं. बहरागोड़ा बस पड़ाव के समीप अंडरपास नहीं बनना और कालियाडिंगा चौक के समीप गलत तरीके से बना फ्लाइ ओवर जानलेवा साबित हो रहा है. फोरलेन बनने के बाद लगातार दुर्घटना हो रही है. अबतक एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि शुरुआत से स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.

दर्जन भर मौत के बाद खुली प्रशासन की नींद

एनएच पर दुर्घटनाओं में हो रही मौतों से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. लोगों ने राष्ट्रीय उच्च पथ के पदाधिकारी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व राष्ट्रपति तक को सूचना भेजी. हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया. दर्जन भर मौत के बाद जिला प्रशासन के दबाव में महुलिया से दारीसोल तक 13 जगहों को दुर्घटना जोन के रूप में चिह्नित किया गया.

प्रोजेक्ट टीम के सदस्यों की आपत्ति की हुई अनदेखी

बताया जाता है कि जब एलएनटी कंपनी क्योंझर (ओडिशा) से बहरागोड़ा तक फोरलेन का निर्माण कर रही थी. उसी समय उक्त प्रोजेक्ट टीम के सदस्यों आपत्ति जतायी थी कि सड़क को कोलकाता-रांची सड़क से कहां मिलाया जाये. दरअसल, दिलीप बिल्डकॉन ने सड़क और फ्लाइओवर बनाया था, लेकिन ओडिशा, रांची, कोलकाता सड़क को जोड़ने की व्यवस्था नहीं की. एलएनटी ने फ्लाइओवर के नीचे तक सड़क बनाकर अपने कार्य का इतिश्री कर दिया.

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विभागीय तकनीकी टीम ने जांच में कमी पायी

विभागीय तकनीकी टीम ने स्थल निरीक्षण कर इसे स्वीकार किया है कि ओडिशा जाने वाले रूट के मामले में फ्लाइओवर बनाने के दौरान ध्यान नहीं रखा गया. यही वजह है कि कालियाडिंगा चौक फ्लाइओवर का जगह दुर्घटना स्थल बन गया है. दरअसल, संतोष होटल से कालियाडिंगा चौक तक सब-वे (बाइपास) बनाया गया है. दरअसल, उसका उपयोग राष्ट्रीय उच्च पथ संपर्क पथ के रूप में उपयोग किया जा रहा है. उसे फोरलेन की तर्ज पर गाड़ियों के भार को देखते हुए बनाने की जरूरत थी. उसे बाइपास के रूप में बना दिया गया. इस कारण दोनों तरफ की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गयी हैं.

शिरीशतल में फ्लाइओवर बनाकर फोरलेन से जुड़ेगा

NHAI अब चिंतन कर रहा है कि शिरीशतल में फ्लाइओवर बनाकर सड़क को फोरलेन के साथ जोड़ा जाये. इसके लिए कंसल्टेंट खोजा जा रहा है. घाटशिला में फूलडुंगरी के समीप अनुमंडल अस्पताल जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता न होने के चलते लगातार सड़क दुर्घटना हो रही थी. उक्त जगह के मार्ग को विभाग ने बंद कर दिया है. एनएचएआइ ने अनुमंडल अस्पताल जाने के लिए अंडरपास सब-वे बनाने का निर्णय लिया है. बस स्टैंड से बाजार पथ को जोड़ने के लिए अंडर पास व सब-वे का कोई प्रस्ताव नहीं है. स्थानीय लोगों की मांग को अनदेखी की गयी है.

जगन्नाथपुर में अंडर पास जरूरी, लेकिन बना दिया झांझिया में

बरसोल में एनएच-49 पर जगन्नाथपुर चौक दुर्घटना जोन में तब्दील हो गया है. यहां अक्सर छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटना होती है. ऐसे में जान-माल की काफी क्षति होती है. चौराहे पर अंडरपास या फ्लाइओवर नहीं होने से लोगों को सड़क पार करने में काफी परेशानी होती है. अति व्यस्त हाइवे पर बड़े-बड़े ट्रेलर और टैंकर निरंतर तेज गति से चलते हैं. इससे अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं. एनएचएआइ ने एक फ्लाइ ओवर जगन्नाथपुर चौक से आधा किमी पश्चिम की ओर झांझिया चौक में बनाया है. इसकी उपयोगिता नगण्य है. इस फ्लाइ ओवर सह अंडर पास से बहुत कम लोग गुजरते हैं. अधिकांश ग्रामीण जगन्नाथपुर चौक से पार करते हैं. दूसरी ओर बरसोल, खंडामौदा, बारासती चौक में अंडर पास नहीं होने से अक्सर दुर्घटना होती है.

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देखें एक नजर

– गालूडीह के सालबनी से बहरागोड़ा के दारीशोल तक फोरलेन पर 10 फ्लाइओवर हैं
– फोरलेन पर 15 कट, जो खतरनाक साबित हो रहे. अक्सर हो रही हैं दुर्घटनाएं
– फूलडुंगरी, बहरागोड़ा के पीडब्ल्यूडी चौक व कालियाडिंगा के कट सबसे ज्यादा खतरनाक
– NHAI ने फूलडुंगरी और कालियाडिंगा चौक का किया सर्वे, केंद्र को प्रस्ताव भेजा
– विभाग ने अनुमंडल अस्पताल जाने के लिए अंडरपास सब-वे बनाने का निर्णय लिया
– फूलडुंगरी में अंडरपास या फ्लाईओवर की मांग को लेकर धरना देंगे विधायक रामदास
– आंकड़े बताते हैं अनुमंडल में बीमारी से अधिक मौतें फोरलेन पार करते समय दुर्घटना में हुईं.

सांसद और विधायक लगातार कर रहे प्रयास

स्थानीय सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश कुमार षाड़ंगी आदि ने NHAI से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ध्यान आकृष्ट कराया है. बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती, घाटशिला रामदास सोरेन भी लगातार इस दिशा में एनएचएआइ से संपर्क कर पहल करने में जुटे हैं.

रिपोर्ट : मो परवेज, प्रकाश मित्रा और गौरव पाल, बहरागोड़ा, पूर्वी सिंहभूम.

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