Prabhat Khabar Special: झारखंड का एक ऐसा गांव जहां बगैर इजाजत बाहरी लोगों की है No Entry,जानें पूरा मामला
झारखंड का एक ऐसा गांव है जहां बाहरी लोगों की नो एंट्री है. ग्रामीणों से बिना इजाजत लिए इस गांव में प्रवेश की मनाही है. राजमहल कोल परियोजना के विरोध में ग्रामीणों ने ऐसा निर्णय लिया था. रविवार को इस परियाेजना के पदाधिकारियों के गांव में आने पर ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया था.
Jharkhand News: झारखंड के गोड्डा जिला अंतर्गत एक गांव है तलझारी. इस गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश की मनाही है. राजमहल कोल परियोजना (Rajmahal Coal Project) के कई पदाधिकारियों को भी इस गांव में एंट्री नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि बिना ग्रामीणों के अनुमति के किसी के आने की मनाही है.
तलझारी गांव के ग्रामीण हैं काफी नाराज
राजमहल कोल परियोजना के कई पदाधिकारियों को क्षेत्र के विस्थापित तलझारी गांव के ग्रामीणों ने गांव में घंटो बंधक बना लिया था. ग्रामीण इस बात से आक्रोशित थे कि बगैर सूचना के परियोजना के पदाधिकारी गांव में कैसे प्रवेश गये. जबकि इस गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक है. ग्रामीण इस बात से नाराज हैं कि राजमहल कोल परियोजना और जिला प्रशासन को अवगत करा चुके हैं कि परियोजना को एक इंच जमीन नहीं देंगे. इसके बावजूद परियोजना के पदाधिकारी लगातार गांव आते हैं. इसी से नाराज ग्रामीणों ने रविवार को परियोजना के पदाधिकारियों को बंधक बना लिया.
परियोजना के लिए नहीं देंगे जमीन
परियोजना को लेकर नाराज चल रहे तलझारी के ग्रामीण गांव की ओर आनेवाले सभी रास्ते को रोक रखा है. सभी तरफ से सड़क के बीचों-बीच पेड़ों को काटा गया है, ताकि कोई वाहन से गांव की ओर ना आ सके. ग्रामीणों की एक ही मांग है कि वो किसी कीमत पर परियोजना के लिए जमीन नहीं देंगे.
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बाहरी को गांव घुसने की इजाजत नहीं
तलझारी के ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं. किसी भी बाहरी व्यक्ति को तालझारी गांव में घुसने पर रोक लगा दी गयी है. आदिवासी ग्रामीण लगातार ढोल-नगाड़े बजा कर ग्रामीणों को इकट्ठा करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रबंधन को ग्रामीणों से कुछ बात करनी थी, तो पूर्व में इस बात की सूचना देकर दिन में आना चाहिए था. परियोजना प्रबंधन गांव की जमीन लेने के लिए सारे हथकंडे अपना रही है. ग्रामीणों की ओर से कई बार कहा गया है कि वे जमीन नहीं देंगे. मालूम हो कि पूर्व में ग्रामसभा कर ग्रामीणों ने कहा था कि परियोजना को अपने बहू फसली जमीन कोयला खनन के लिए किसी भी हाल में नहीं देंगे. बावजूद प्रबंधन लगातार ग्रामीणों में फूट डाल कर जमीन हथियाने की कोशिश कर रही है.
Posted By: Samir Ranjan.