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प्रभात खबर स्पेशल: जिस स्टीमर को मिली मंजूरी उसे पंकज मिश्रा ने नहीं दिया चलने, ED की रिपोर्ट में खुलासा

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे पंकज मिश्रा पर ईडी गंगा नदी में उस जहाज को नहीं चलने देता था जिसे सक्षम प्राधिकार ने अनुमति दी थी. इडी की जांच में ये बात सामने आयी है. इसमें ये भी पता चला है कि इसकी देखरेख बच्चू यादव द्वारा की जाती है

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2022 10:16 AM

रांची: पंकज मिश्रा गंगा नदी में उस जहाज को नहीं चलने देता था, जिसे अनुमति मिली हुई थी. पंकज के सहयोगी उस जहाज को ही गंगा में चलने देते थे, जिसे सक्षम प्राधिकार से गंगा नदी में साहिबगंज से चलने की अनुमति नहीं थी. इडी को इसकी जानकारी तब मिली, जब साहिबगंज से गंगा नदी के रास्ते पत्थरों की ढुलाई के मामले की जांच की गयी.

इडी ने साहिबगंज में 26 जुलाई 2022 को जांच की. इस दौरान सुकरघाट पर मेसर्स इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के स्टीमर पर स्टोन चिप्स लदे ट्रक पाये गये. स्टीमर पर मिले ट्रकों में से कुछ के पास माइनिंग चालान था, जबकि कुछ के पास नहीं था. यह स्टीमर (एमवी इंफ्रालिंक -111, डब्ल्यूबी-1809) कोलकाता के व्यापारी यश जालान का है.

जांच में पाया गया कि इसे साहिबगंज से बिहार के बीच चलने की अनुमति सक्षम प्राधिकार ने नहीं दी थी. जांच के दौरान स्टीमर के मास्टर अजीजुल शेख का बयान लिया गया. उसने बताया कि इसकी देखरेख बच्चू यादव द्वारा की जाती है, इसलिए उसे जब्त कर लिया गया.

बच्चू यादव व सहयोगियों पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी 

जांच में इंफिनिटी इंटरप्राइजेज के अंकुश राजहंस ने इडी को दिये बयान में कहा था कि उसे इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आइडब्ल्यूएआइ) की ओर से साहिगबंज से गंगा नदी में स्टीमर चलाने की अनुमति मिली हुई है. हालांकि पंकज मिश्रा और दाहू यादव उसे चलाने नहीं दे रहे हैं. उसे जबरन रोका जाता है और परेशान किया जाता है. उसके सदमा और मनिहारी घाट स्थित काउंटर से पैसे लूट लिये गये. इसे लेकर उसने मुफस्सिल थाने में बच्चू यादव और उसके सहयोगियों पर प्राथमिकी(43/) दर्ज करायी थी.

अनधिकृत घाट से होता था स्टीमर का संचालन 

अंकुश ने बयान में यह भी बताया था कि नव यातायात समिति साहिबगंज के विभिन्न स्थानों से अवैध पत्थरों की ढुलाई करती है. यह काम सदमा और गरम घाट से होता है. गरम घाट स्टीमर संचालन के लिए अधिकृत नहीं है, फिर भी उसका ज्यादा इस्तेमाल होता है. गरम घाट की देखरेख पंकज मिश्रा का सहयोगी दाहू यादव करता है, जबकि सदमा घाट से होनेवाले कार्य की देखरेख बच्चू यादव करता है. बच्चू यादव सकरी गली में अवैध खनन करता है.

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