ट्रेनों में लाख सख्ती के बावजूद फेरीवालों पर लगाम नहीं लग पा रहा है. ये फेरीवाले एसी कोच तक में सामान बेच रहे हैं. पता चला था कि धनबाद जंक्शन पर एक ठेकेदार पैसे लेकर ट्रेनों में फेरीवालों की इंट्री करवाता है. वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो से यात्री बनकर फेरीवालों के ट्रेनों में चढ़ने की बात सामने आयी. प्रभात खबर को जब इसकी जानकारी हुई तो शनिवार को पड़ताल की. पड़ताल में यह बात सही मालूम हुई.
ये बातें आयी सामनें
पड़ताल में पता चला कि गोमो से ट्रेन खुलते ही फेरीवाले अपनी दुकानदारी सजा देते हैं. वे बिक्री की चीजों को लगेज बना ट्रेन में चढ़ते हैं. इन फेरीवालों का कहना है कि आरपीएफ और जीआरपी के लिए वसूली करने वाले लोग गया जंक्शन से पहले कुछ प्रमुख स्टेशनों पर पैसे की वसूली करते हैं. इन फेरीवालों से हजारीबाग रोड स्टेशन पर 110 रुपये और कोडरमा स्टेशन पर 150 रुपये लिये जाते हैं. वहां हर दिन 15-20 हॉकर स्टेशन में प्रवेश करते हैं. अभी गोमो, पारसनाथ और चंद्रपुरा स्टेशन पर कड़ाई बरती जा रही है. इधर, प्रभात खबर ने धनबाद जंक्शन पर उस ठेकेदार से बातचीत की, जो ट्रेनों में सामान बेचने के बदले फेरीवालों से एक बंधी-बंधायी रकम वसूलने का काम करता है.
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150 रुपये दो और ट्रेन में बेफिक्र सामान बेचो
पहर का लगभग डेढ़ बज रहा है. धनबाद जंक्शन के संयुक्त प्लेटफॉर्म चार-पांच पर गिनती के यात्री हैं. पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर धनबाद-बांकुड़ा पैसेंजर लगी है. सीढ़ी से उतर यार्ड की तरफ प्लेटफॉर्म पर बढ़ते ही पहला स्टॉल आता है. वहां एक-दो यात्री खड़े हैं. थोड़ा इंतजार के बाद स्टॉल खाली होता है और उसके संचालक यानी ठेकेदार चुन्नू से बात होती है. चुन्नू फेरीवालों से पैसे लेकर ट्रेनों में उनकी इंट्री सुनिश्चित कराता है. हम फेरीवाला कार्य करने को लेकर उससे बात करते हैं. चुन्नू बेहिचक बोलता है, ‘150 रुपये प्रतिदिन दो और ट्रेनों में बेफिक्र होकर सामान बेचो. कोई नहीं रोकेगा.’ चुन्नू के इस गोरखधंधे में उसका भाई सोनू भी साथ देता है. बकौल चुन्नू, ‘धनबाद-आसनसोल और चितरंजन-दरभंगा रूट पर काम करना ज्यादा फायदेमंद है. इस रूट पर काम करना आसान भी है. मैं काम करा सकता हूं.’ वहीं गोमो स्टेशन पर एक फेरीवाले ने बताया कि ट्रेनों में सेटिंग से काम होता है, इसलिए उनलोगों को न तो कोई टोकता है और न ही रोकता है. उसने बताया कि जब कोई उनलोगों को पकड़ता है, तो उस समय कथित ठेकेदार के आदमी छुड़ा लेते हैं. फेरीवालों की नजर लंबी दूरी की ट्रेनों पर रहती है. इन ट्रेनों में सामान बेचने वाले खुलेआम चलते हैं. चिह्नित स्टेशन पर ट्रेन पहुंचते ही वसूली के लिए ठेकेदार और उसके आदमी एक्टिव हो जाते हैं. एक फेरीवाले ने बताया कि जब भी ट्रेन स्टेशन पर रुकती है, तो ठेकेदार के लोग उन्हें खोजकर पैसे वसूल लेते हैं. पैसा नहीं देने पर मारपीट की जाती है और ट्रेन में चढ़ने नहीं देते.
… और बोलने से बचते रहे जिम्मेदार
धनबाद रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी प्रभात कुमार मिश्रा से इस बारे में बात करने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च अधिकारियों से बात करें. जब एडीआरएम आशीष कुमार झा को फोन मिलाया गया, तो उन्होंने कहा कि वह अभी बाहर हैं. कुछ नहीं कह सकते.
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धनबाद स्टेशन पर ठेकेदार चुन्नू ने बातचीत में कहा
रिपोर्टर : मैं ट्रेनों में इयरफोन, मोबाइल चार्जर जैसा सामान बेचना चाहता हूं. क्या करना होगा?
चुन्नू : अभी फेरी का काम बंद है.
रिपोर्टर : अगर कोई जुगाड़ हो जाता है, तो मेरी पढ़ाई का खर्चा निकल जाता. धनबाद से गोमो तक बिक्री करना चाहता हूं.
चुन्नू : करो, पर अभी गोमो का काम बंद है. आसनसोल रूट पर बेचना होगा. प्लेटफॉर्म पर बेचने की इजाजत नहीं है. ट्रेन में बेचना है.
रिपोर्टर : सामान बेचने के लिए आखिर क्या करना होगा?
चुन्नू : रोज 150 रुपये देना होगा. दूसरे भी इतना ही दे रहे हैं. तुमको भी यही देना होगा.
रिपोर्टर : किसी दिन बिक्री अच्छी नहीं हुई, तो बाद में पैसे देने से काम चलेगा?
चुन्नू : उससे मतलब नहीं है. जिस दिन ज्यादा कमा लेगा तो ज्यादा थोड़े न दे देगा. वैसे तुम तीन दिन पर भी दे सकता है. बस याद रखना, धनबाद स्टेशन पर नहीं बेचना है.
रिपोर्टर : ट्रेन में आसनसोल से धनबाद के बीच बेच सकते हैं?
चुन्नू : हां.
रिपोर्टर : अगर कुछ प्रॉब्लम हो गया या कोई पूछा कि क्यों बेच रहे हो तो?
चुन्नू : नाम नहीं बताना ठीक है. अगर पकड़ा भी जाता है तो टेंशन नहीं है. छुड़वा लेंगे.
रिपोर्टर : कब से बेच सकते हैं
चुन्नू : सोनू का नंबर 7*****42 ले लो. पूछेगा नंबर कौन दिया, तो बोलना हॉकर दिया है. वैसे पैसा वसूलना और हॉकर देना मेरा ही काम है, लेकिन एक बार उससे भी पूछ लेना. मेरा भाई ही है.
रिपोर्टर : आप अपना नंबर भी दे देते.
चुन्नू : मेरा नंबर क्या करोगे? लिख लो 6*****51. मेरा नाम चुन्नू हुआ. सबसे अच्छी ट्रेन धनबाद-पटना इंटरसिटी है. चार दिन चितरंजन से दरभंगा, बाकी दिन आसनसोल रूट पर काम करो.
रिपोर्टर : अगर गाड़ी में सफर करेंगे तो टिकट लगेगा क्या?
चुन्नू : एक-दो बार चलने पर लाइन पकड़ लोगे. कुमारधुबी स्टेशन पर बिक्री के लिए उतरोगे, तो 300 रुपये देना होगा. बराकर स्टेशन के लिए 1200 रुपये देना होगा.