प्रभात संवाद : जर्जर सड़क, पेयजल संकट व बिजली आपूर्ति की समस्याओं से जूझ रहे महेशपुर के लोग, मिले निजात
पाकुड़ जिला अंतर्गत महेशपुर पंचायत के सभागार में प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस संवाद में सड़क, पेयजल व बिजली संकट की समस्या प्रमुखता से उठायी गयी. सभी ने इस समस्या का जल्द हल करने की अपील स्थानीय जनप्रतिनिधि व विभाग से की.
महेशपुर (पाकुड़), देवब्रत दास : पाकुड़ जिला अंतर्गत महेशपुर पंचायत के सभागार भवन में प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ग्रामीण वार्ड सदस्य सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए. प्रभात संवाद कार्यक्रम में लोगों ने क्षेत्र में ज्वलंत मुद्दों में से प्रखंड मुख्यालय में गड्ढेनुमा सड़क, पेयजल व बिजली संकट को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की. कार्यक्रम में लोगों ने प्रखंड मुख्यालय के डाकबंगला से पोस्ट ऑफिस, बाबूपाड़ा से लेकर अंबेडकर चौक और हाटपाड़ा, तिवारीपाड़ा व लेटपाड़ा में बड़े- बड़े गड्ढेनुमा सड़क पर जलजमाव और इसके चलते हो रही दुर्घटनाओं को लेकर अपनी बातें रखीं. इन ज्वलंत मुद्दों को लेकर ग्रामीण व वार्ड सदस्यों ने चर्चा की. साथ ही पेयजल और बिजली की समस्या को लेकर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम कर क्षेत्र की समस्याओं को जनप्रतिनिधि, विभाग, नेता व मंत्री तक पहुंचाने और क्षेत्र के लोगों से जुड़ने को लेकर प्रभात खबर अखबार की इस पहल की भी खूब सराहना की.
क्या कहा लोगों ने
ग्रामीण बमबम यादव ने कहा कि महेशपुर बाजार की सड़कों पर विभाग द्वारा गड्ढे की जल्द से जल्द मरम्मत करनी चाहिए. कारण इन गड्ढेनुमा सड़कों पर आये दिन दुर्घटना घटती रहती है. मनोज सिंह का कहना है कि इस बार बारिश कम हुई है, जिसके कारण बांसलोई नदी सूख गयी है. इसको लेकर पेयजल संकट गहराने लगा है. यहां के जनप्रतिनिधि और विभाग को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
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महेशपुर पंचायत में 109 चापाकल, फिर भी ग्रामीण प्यासे
ग्रामीण लालू कुमार राय का कहना है कि प्रखंड मुख्यालय स्थित तिवारीपाड़ा सहित अन्य मुहल्ले में नालियों की वर्षों से सफाई नहीं हुई है. इसके कारण पानी सड़क पर बह रहा है. प्रशासन को नाली की सफाई करनी चाहिए, ताकि हम सड़कों पर सुरक्षित चल सकें और बीमारियों का डर ना बना रहे. वहीं, ग्रामीण पांसुरी रविदास का कहना है कि पेयजल की समस्या आज से नहीं, यह पुरानी समस्या है. महेशपुर पंचायत में 109 चापाकल हैं. लेकिन पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा इसे ठीक नहीं किया जाता है. यदि विभाग ठीक ढंग से काम करे तो हम लोगों को प्यासा नहीं रहना पड़ेगा.
पेयजल, बिजली और सड़क सबसे बड़ी समस्या
ग्रामीण कविता सिंह ने कहा कि महेशपुर में कई समस्याएं हैं, लेकिन पेयजल, बिजली और सड़क सबसे बड़ी समस्या है. इस समस्या को दूर करने को लेकर जनप्रतिनिधि व विभाग को जरूर पहल करनी चाहिए. वहीं, लालटू सिंह का कहना है कि नदी का पानी सूख गया है. जलापूर्ति योजना भी फेल है. क्षेत्र में चापाकल सभी सूखे पड़े हैं. पेयजल की समस्या बहुत बड़ी है. महेशपुर साप्ताहिक हाट परिसर में एक भी चापाकल नहीं रहने के कारण लोग इधर-उधर भटकते रहते हैं.
पेयजल की समस्या विकराल
ग्रामीण रंजीत यादव ने कहा कि महेशपुर में बिजली, पेयजल और सड़क सबसे बड़ी ज्वलंत मुद्दों में से एक है. इन दिनों सड़क व पेयजल के साथ-साथ बिजली भी आंखमिचौली खेलती रहती है. इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर यहां के विधायक, जनप्रतिनिधि व विभाग को ध्यान देने की जरूरत है. वहीं, सुकचांद कर्मकार का कहना है कि इस बार पानी का संकट देखा जा रहा है. कई लोग दूसरे के घर से बोरिंग का पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. हमलोगों के मोहल्ले में चापाकल है, जो सूखा पड़ा है. विभाग और जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान दें तो हम मोहल्ले वासी प्यास से बच सकते हैं.
स्थानीय जनप्रतिनिधि और विभाग जल्द समस्या का करे समाधान
समाजसेवी अनंत कुमार गुप्ता ने कहा कि महेशपुर सहित सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी पानी की समस्या देखी जा सकती है. इसके अलावा खेती के लिए पानी की व्यवस्था भी यहां नहीं है. पदाधिकारियों को इस पर नजर डालनी चाहिए. वहीं, समाजसेवी पुलोक घोष ने कहा कि प्रखंड में पेयजल की समस्या बड़ी समस्या में एक है. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कई मोहल्ले में पेयजल की समस्या दूर करने को लेकर पानी टंकी लगवाया है, लेकिन अभी भी कई मोहल्ले पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि और विभाग को जल्द से जल्द पेयजल की समस्या दूर कराने की जरूरत है.
क्या कहते हैं वार्ड सदस्य
वार्ड सदस्य रंजीता रानी रजक ने कहा कि महेशपुर में सड़क की हालत काफी खराब है. राहगीरों के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी इन गड्ढेनुमा सड़क का शिकार बन जाते हैं. और उनका यूनिफॉर्म कीचड़ से भर जाता है. विभाग को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. वहीं, वार्ड सदस्य आशा राय ने कहा कि महेशपुर के लोगों की सुविधा के लिए पेयजल को लेकर बेहतर मास्टर प्लान बनाकर काम करने की आवश्यकता है. ऐसा करने से ही महेशपुर पंचायत का सर्वांगीण विकास दिख सकेगा और लोगों की प्यास बुझ सकेगी.
सड़कों का हाल-बेहाल
वार्ड सदस्य राम नगीना ने कहा कि महेशपुर में कई समस्याएं हैं, लेकिन पेयजल सबसे बड़ी समस्या है. इस समस्या को दूर करने को लेकर विभाग को जरूर पहल करनी चाहिए. वहीं, वार्ड सदस्य ज्योति सिंह ने कहा कि महेशपुर में पानी की समस्या हर जगह देखी जा रही है. जनप्रतिनिधियों द्वारा चापाकल की मरम्मत की गयी, लेकिन पानी का जलस्तर नीचे रहने के कारण सभी चापाकल खराब पड़े हुए हैं. विभाग को इस पर संज्ञान लेते हुए नया चापाकल लगाने की जरूरत है. इसके अलावा वार्ड सदस्य सलीम शेख ने कहा कि महेशपुर प्रखंड मुख्यालय की सड़कों का हाल-बेहाल है. विभाग और स्थानीय विधायक व सांसद को ध्यान देने की जरूरत है.